चीन में कोरोना से हाहाकार, 5 करोड़ लोग घरों में कैद, वायरोलॉजिस्ट का बड़ा बयान आया

Update: 2022-03-15 05:53 GMT

Coronavirus in China: जिस चीन से कोरोना वायरस के निकलने की बातें कही जाती रहीं हैं, वहां अब फिर से संक्रमण से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. चीन में कोरोना के सारे रिकॉर्ड टूटने लगे हैं. चीन में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 5 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. जब से महामारी शुरू हुई है, तब से चीन में कभी भी एक दिन में इतने ज्यादा केस नहीं आए हैं. इसी बीच शंघाई के वायरोलॉजिस्ट ने चेताया है कि ये समय झूठ बोलने का नहीं बल्कि महामारी के खिलाफ रणनीति बनाने का है.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन में बीते 24 घंटे में कोरोना के 5,280 नए मामले सामने आए हैं. इससे एक दिन पहले 1,337 केस आए थे. कोरोना की इस लहर में चीन का जिलिन प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित है.
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चीन के कई प्रांतों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. 5 करोड़ से ज्यादा लोग घरों में कैद कर दिए गए हैं. सबसे ज्यादा 2.4 करोड़ लोग जिलिन प्रांत के हैं. इसके बाद शेनजेन के 1.75 करोड़ लोग और डोंगुआन के 1 करोड़ लोग लॉकडाउन में हैं.
चीन में अब तक कोरोना की कई लहर सामने आ चुकी है, लेकिन फरवरी 2020 के बाद से कभी भी इतने ज्यादा मामले नहीं आए. हालांकि, इस नई लहर में अब तक किसी की मौत होने की जानकारी नहीं है.
चीन अपनी जीरो-कोविड पॉलिसी की तारीफ करता है. चीन में जब भी कोरोना की नई लहर आती है तो वो सख्त लॉकडाउन लगा देता है और वहां के हर व्यक्ति की कोरोना जांच करता है. इस बार भी चीन में ऐसा ही हो रहा है. चीन के बीजिंग, शंघाई, जिलिन, शेनजेन जैसे प्रांतों में सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया है. बस और मेट्रो सर्विस भी बंद कर दी गई है. कोरोना के मामलों को पकड़ने के लिए मेडिकल टीम एंटीजन टेस्ट कर रही है. ये टेस्टिंग सड़क किनारे भी हो रही है. यहां जगह-जगह बैनर लगाए गए हैं, जिसमें लिखा है, सभी लोगों को कोविड टेस्ट कराना जरूरी है, एक भी घर, एक भी व्यक्ति नहीं छूटना चाहिए.
चीन में बढ़ते कोरोना के बीच इन्फेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट और वायरोलॉजिस्ट झेंग वेनहोंग (Zhang Wenhong) ने चेताया है कि ये समय चीन के लिए बहुत कठिन है. उन्होंने कहा कि ये समय चीन के लिए बहुत कठिन है, क्योंकि दो साल पहले ऐसे ही महामारी फैल गई थी.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, वेनहोंग का कहना है कि ये समय झूठ बोलने का नहीं. जीरो-कोविड पॉलिसी पर बहस करने की बजाय ऐसी टिकाऊ रणनीति को लागू करने का है, जिससे महामारी नियंत्रण में आए.
वेनहोंग ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट को निम्न स्तर पर रखने के लिए जीरो-कोविड पॉलिसी को जारी रखना जरूरी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम लगातार लॉकडाउन लगाते रहें और बड़े पैमाने पर टेस्टिंग करते रहें. उन्होंने कहा कि इसकी बजाय हमें महामारी के खिलाफ मजबूत और टिकाऊ रणनीति बनाने की जरूरत है.
चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह ओमिक्रॉन वैरिएंट को माना जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट Stealth Omicron (BA.2) की वजह से संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. दिसंबर-जनवरी के बीच दुनियाभर में ओमिक्रॉन के कारण संक्रमण तेजी से बढ़ा था, लेकिन चीन में उस वक्त भी हालात काबू में थे.
झेंग वेनहोंग का कहना है कि उनकी टीम ने पाया कि फरवरी में चीन महामारी को निम्न स्तर पर रखने में कामयाब रहा लेकिन मार्च में हालात बिगड़ते चले गए. उन्होंने बताया कि फरवरी में हर दिन 200 से भी कम मामने सामने आ रहे थे. लेकिन 1 से 12 मार्च के बीच डेली केस 119 से बढ़कर 3 हजार के पार पहुंच गए हैं.


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