Oumuamua: एलियंस का स्पेसक्राफ्ट या फिर सिर्फ एक धूमकेतु? येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दिया सवाल का जवाब

Update: 2021-06-04 12:30 GMT

चार साल पहले 2017 में पृथ्वी (Earth) के पास एक बाहरी अंतरिक्ष से आए 'मेहमान' ने दस्तक दी. ये तेजी से पृथ्वी के पास से गुजरता हुआ भी निकल गया. इसे लेकर माना गया कि ये एलियंस का स्पेसक्राफ्ट (Alien Spacecraft) था. जी हां, हम बात कर रहे हैं 'ओमुआमुआ' (Oumuamua) की. इस बाहरी अंतरिक्ष की वस्तु को लेकर हर रोज कोई न कोई थ्योरी सामने आती रहती है. एक बार फिर ओमुआमुआ को लेकर नया दावा किया गया है, जिसमें कहा गया है कि ये एलियन स्पेसक्राफ्ट नहीं था, बल्कि एक आइसबर्ग (Iceberg) था.

येल यूनिवर्सिटी (Yale University) के रिसर्चर्स ने एक स्टडी के हवाले से ये माना कि पहला इंटरस्टेलर (Interstellar) मेहमान कोई एलियन स्पेसक्राफ्ट या अंतरिक्ष की चट्टान नहीं था, बल्कि वो गहरे अंतरिक्ष (Deep space) से पृथ्वी के पास पहुंचा एक 3.5 करोड़ साल पुराना हाइड्रोजन आइसबर्ग (Hydrogen iceberg) था. इन नतीजों को प्री-प्रिंट जर्नल Arxiv में प्रकाशित किया गया है. इसमें कहा गया है कि ओमुआमुआ 'विशाल मॉलिक्यूलर बादल' (GMC) से बना है. जिसमें आमतौर पर हाइड्रोजन मौजूद होता है.
ओमुआमुआ जैसी वस्तु बनने के लिए बेहद ठंडे तापमान की जरूरत
हालांकि हाइड्रोजन ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में मिलने वाला तत्व है. लेकिन H2 बर्फ प्रकृति में शायद ही कभी देखा जाता है क्योंकि इसे बनाने के लिए असाधारण ठंडे तापमान की आवश्यकता होती है, जैसे कि GMC में मौजूद हैं. वैज्ञानिकों ने दो संभावित GMC की जानकारी दी है, जहां ओमुआमुआ बना होगा. इसमें 'पाथफाइंडर' और 'स्काउट' शामिल है. दोनों ही GMC गहरे अंतरिक्ष में मौजूद हैं और इनकी पृथ्वी से दूरी क्रमशः 10 और 16 करोड़ प्रकाशवर्ष है.
सौरमंडल में देखी गई पहली बाहरी अंतरिक्ष की वस्तु
बता दें कि सिगार के आकार वाली एक अंतरिक्ष की वस्तु अक्टूबर 2017 में पृथ्वी के पास 1,56,428 प्रतिघंटा की रफ्तार से गुजरी. इस वस्तु को सबसे पहले हवाई स्थित एक टेलिस्कोप से 19 अक्टूबर को देखा गया. इसके बाद पूरे सप्ताह इसे 34 बार देखा गया. सौरमंडल (Solar System) में देखा गया ये पहली बाहरी अंतरिक्ष की वस्तु थी. इस वजह से वैज्ञानिकों के बीच इसे लेकर खासा दिलचस्पी पैदा हुई. शुरू में माना गया कि ये वस्तु एक धूमकेतु है. हालांकि, यह धूमकेतु जैसा व्यवहार नहीं कर रहा था. इस वजह से इसे लेकर दिलचस्पी बढ़ गई.
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