पाकिस्तान। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) विदेशी साजिश वाली गुप्त चिट्ठी पर बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं. विपक्ष मांग कर रहा है कि इमरान खान उस गुप्त चिट्ठी को संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर सार्वजनिक करें. गुप्त चिट्ठी को लेकर इमरान खान ने कहा कि वह विदेश नीति के कारण सार्वजनिक स्तर पर इसे साझा नहीं कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने इस चिट्ठी को पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को दिखाने की बात कही है. खान ने दावा किया है कि पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से ठीक एक दिन पहले 7 मार्च को उन्हें धमकी भरा पत्र मिला है.
पाकिस्तानी मीडिया एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय साजिश के कोई सबूत नहीं मिले हैं. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि यह चिट्ठी पाकिस्तान के विदेशी राजनयिक मिशनों में से एक द्वारा साझा किया गया आंतरिक मूल्यांकन था. वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का दावा है कि धमकी देने वाला पत्र सैन्य नेतृत्व के साथ भी साझा किया गया था. लेकिन, संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों ने खुलासा किया है कि उन्हें इस तरह की किसी भी साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई सबूत देखा है.
इससे पहले रविवार को इस्लामाबाद में हुई रैली में भी इमरान ने इस चिट्ठी का जिक्र किया था. अब वे यह चिट्ठी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को दिखाएंगे. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च को बहस होगी. उसके बाद वोटिंग होगी, जिसमें इमरान सरकार के हारने की प्रबल संभावना है. इस बीच पाकिस्तान सरकार के मंत्री असद उमर ने कहा है कि इमरान अपना 'सीक्रेट लेटर' सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल से साझा करने के लिए तैयार हैं.