एच-1बी वीजा का संचालन और क्रियान्वयन देश की जरूरतों के अनुरूप नहीं
लेकिन उसे आपके दरवाजे तक पहुंचाने का जरिया किसानों और रिटेलरों का है।
एक अमेरिकी राजनीतिक टिप्पणीकार ने सांसदों से कहा कि 1990 के बाद से अमेरिकी आव्रजन प्रणाली के महत्वपूर्ण घटक एच-1बी वीजा का संचालन और क्रियान्वयन देश की जरूरतों के अनुरूप नहीं रहा है। पूर्व रिपब्लिकन कांग्रेस महिला एवं शीर्ष राजनीतिक टिप्पणीकार मिया लव ने बुधवार को अमेरिकी कंपनियों को सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले विशिष्ट व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को काम पर रखने की अनुमति देने वाले एच-1बी वीजा कार्यक्रम का विस्तार करने की आवश्यकता के बारे में अमेरिकी सीनेट समिति को बताया कि विदेशी श्रमिकों के लिए कार्य वीजा के संचालन और कार्यान्वयन की आवश्यकता नहीं है।
मिया लव ने कहा, अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां हर साल भारत से हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए एच-1बी पर निर्भर हैं और भारतीयों सहित विदेशी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक मांग वाला कार्य वीजा है। उन्होंने कहा कि 2005 में, 85,000 वीजा उपलब्ध थे। आज करीब 20 साल बाद 85,000 वीजा उपलब्ध हैं। कुशल आव्रजन के विस्तार के लिए कई आशाजनक विकल्प हैं।
पूर्व रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि वर्करों की कमी से देश में महंगाई चरम पर है। राकेट वैज्ञानिकों, इंजीनियरों व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी की तुलना में इकानामी कहीं अधिक है। ग्रासरी हर दिन की जरूरत के अनुसार स्टोर पर पहुंच रही है लेकिन उसे आपके दरवाजे तक पहुंचाने का जरिया किसानों और रिटेलरों का है।