इस देश में सिर्फ 29 फीसदी महिलाओं के पास है बैंक अकाउंट, जानिए भारत में क्या है स्थिति

पाकिस्तान में इस तरह की नीति न होने से महिलाओं के बैंक अकाउंट की संख्या काफी कम है.

Update: 2021-03-10 11:02 GMT

पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब चल रही है. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की सरकार ने इस साल के वित्तीय वर्ष के शुरुआती सात महीनों में ही 6.7 बिलियन डॉलर (लगभग 48 हजार करोड़ रुपये) का विदेशी कर्ज लिया है. वहीं, पाकिस्तान के बैंकिंग क्षेत्र में महिलाओं के योगदान की स्थिति भी बेहद खराब है. पाकिस्तान में केवल 29 फीसदी महिलाओं के पास ही बैंक अकाउंट (Bank Account) हैं, जो दुनिया में सबसे कम है. इसके मुकाबले भारत में, 77 फीसदी महिलाओं के पास बैंक अकाउंट हैं.

पड़ोसी मुल्क के केंद्रीय बैंक 'स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान' के गवर्नर डॉ रेजा बकीर (Dr Reza Baqir) ने बताया कि पाकिस्तान में केवल 29 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पास बैंक अकाउंट हैं. ये दुनियाभर में सबसे कम है. ये असमानता देश के आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न कर रही है. गवर्नर ने कहा, पुरुष और महिला दोनों के लिए वित्तीय और प्रोफेशनल प्रयासों का एक समान अवसर उपलब्ध कराना किसी भी देश के स्थायी और समावेशी आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है.

पाकिस्तान में बेहतर लैंगिक समानता की जरूरत: गवर्नर
'स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान' के मुख्यालय में बोलते हुए डॉ रेजा बकीर ने कहा, वित्तीय और आर्थिक अवसरों में बेहतर लैंगिक समानता, न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए सामाजिक आर्थिक विकास के परिणामों को बढ़ाएगी. उन्होंने कहा, मौजूदा नीतियों और इंडस्ट्री की प्रथाओं में लैंगिग योजना को शामिल कर एक वित्तीय प्रणाली का निर्माण करना अनिवार्य है. ये वित्तीय प्रणाली महिलाओं और पुरुषों दोनों को समान रूप से सेवा का मौका देगी.

भारत में 77 फीसदी महिलाओं के पास बैंक अकाउंट
बता दें कि भारत में 'प्रधानमंत्री जनधन योजना' के चलते महिलाओं के बैंक अकाउंट संख्या में वृद्धि हुई है. ग्लोबल फिंडेक्स 2017 से पता चलता है कि 2011 में सिर्फ 26 फीसदी महिलाओं के बैंक अकाउंट हुआ करते थे. जो 2014 में बढ़कर 43 फीसदी और फिर 2017 में बड़ी छलांग लगाते हुए ये संख्या 77 फीसदी हो गई. ऐसे में एक बेहतर नियम बनाकर भारत ने बैंकिंग क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया है. दूसरी ओर, पाकिस्तान में इस तरह की नीति न होने से महिलाओं के बैंक अकाउंट की संख्या काफी कम है.


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