क्या है अमेरिका का मौजूदा कानून
अमेरिका में गन कल्चर का इतिहास उतना ही पुराना है जितना पुराना अमेरिका का संविधान है। वर्ष 1791 में अमेरिका के संविधान में दूसरा संशोधन लागू हुआ था। इसके तहत अमेरिकी नागरिकों को हथियार रखने का हक दिया गया था। अमेरिका का संविधान अपने नागरिकों को बंदूक या गन रखने का पूरा अधिकार देता है। भारत में बंदूक लेने के लिए आपको लाइसेंस की जरूरत होती है, लेकिन अमेरिका में ऐसा कुछ भी नहीं है। भारत में बिना लाइसेंस के बंदूक रखना बहुत बड़ा जुर्म है। इसकी बड़ी सजा है। अमेरिका में दशकों तक गन कल्चर से लाखों लोगों ने अपनी जानें गवाई। इन मौतों का बोझ अमेरिकी संसद पर समय के साथ बढ़ता चला गया। आज तक अमेरिका इस कानून को बदल नहीं पाया है। अमेरिका की जिस संसद से यह उम्मीद करते हैं कि वह इसके खिलाफ सख्त कानून बनाएगी वहीं उस संसद से कुछ दूरी पर गन की बड़ी-बड़ी कई दुकानें हैं, जहां अमेरिकी नागरिक आधुनिक हथियार खरीद सकते हैं।
14 लाख लोग बंदूक से होने वाली हिंसा में मरे
19वीं शताब्दी तक अमेरिका को यह समझ में आ गया था कि देश में बंदूक कल्चर कभी शांति स्थापित नहीं होने देगा लेकिन गन लाबी और कुछ नेताओं के दबाव के चलते कभी भी इसके खिलाफ कोई सख्त कानून नहीं बन पाया। आज अमेरिका में गन से औसतन 100 लोग रोज मारे जाते हे। पिछले 50 वर्षों में अकेले अमेरिका में 14 लाख लोग बंदूक से होने वाली हिंसा में मारे जा चुके हैं। अमेरिका में बंदूक की संस्कृति उस जमाने से है, जब वहां ब्रिटिश सरकार का राज हुआ करता था। तब अमेरिका मे कोई सुरक्षा एजेंसी नहीं थी, लोगों को अपनी और परिवार की सुरक्षा खुद करनी होती थी। यह वह देश है, जहां पुलिस नहीं थी। इसलिए लोगों से कहा गया कि आप अपने हथियार खरीद लीजिए और अपनी सुरक्षा स्वयं करिए। इसलिए उन्हें हथियार रखने की आजादी मिली।
गन कल्चर पर चौंकाने वाली रिपोर्ट
2019 की यह रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इसके मुताबिक पूरे अमेरिका में 63 हजार से ज्यादा लाइसेंस गन डीलर हैं, जिन्होंने अमेरिकी नागरिकों को 80 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा की बंदूके बेची थी। यह भारत के इस वर्ष के स्वास्थ्य बजट से काफी ज्यादा था। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका में गन कल्चर कितना लोकप्रिय है। वहां के कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने इसे खूब बढ़ावा दिया। हालांकि, अब यह अमेरिकी सरकार के लिए चिंता का विषय है। यही कारण है कि ओबामा समेत कई राष्ट्रपतियों ने गल कल्चर के खिलाफ आवाज उठाई।
नैंसी पेलोसी ने बताया अहम
सीनेट की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने इस बिल को देश में फैले गन कल्चर को रोकने के लिए काफी अहम कदम बताया है। उन्होंने कहा है कि इस बिल के पास होने के बाद देश में सेमी आटोमेटिक घातक हथियारों की ब्रिकी, इसका इंपोर्ट, इसका उत्पादन और ट्रांसफर पर रोक लग जाएगी। इस तरह के हथियार हाल की घटनाओं जैसे- बुफेलो, न्यूयार्क, युवाल्ड, टेक्सास, इलिनोएज और हाइलैंड पार्क में मास शूटिंग के मकसद से इस्तेमाल किए गए थे। बता दें कि 1994 में कांग्रेस ने देश में व्याप्त गन कल्चर को रोकने के लिए एक बिल पास किया था। इसकी मियाद केवल दस वर्षों की थी जो 2004 में खत्म हो गई। इसके बाद से ही देश में घातक हथियारों की बिक्री और चलन पहले जैसा ही हो गया।