जिसपर US ने लगाया बैन, अब वही शख्स बन सकता है ईरान का अगला राष्ट्रपति
ईरान का अगला राष्ट्रपति
Iran Presidential Elections 2021: ईरान में शुक्रवार को राष्ट्रपति पद पर चुनाव के लिए मतदान हुए हैं. चुनाव में देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ruhollah Khomeini) के एक कट्टर समर्थक का पलड़ा भारी दिख रहा है. जिसके बाद देश में सार्वजनिक रूप से उत्साह कम नजर आ रहा है और इस्लामी गणराज्य में इनके बहिष्कार का आह्वान भी किया गया है. सरकार से संबद्ध ओपिनियन पोल और विश्लेषकों ने कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रायसी को पद के लिए दावेदारी जता रहे चार उम्मीदवारों में से सबसे प्रबल करार दिया है.
'सेंट्रल बैंक' के पूर्व प्रमुख अब्दुलनासिर हिम्माती भी उदारवादी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन निवर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी जैसा समर्थन उन्हें हासिल नहीं है (Does Iran Have Elections). रायसी अगर निर्वाचित होते हैं तो वह पहले ईरानी राष्ट्रपति होंगे, जिसपर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है. उन पर यह प्रतिबंध 1988 में राजनीतिक कैदियों की सामूहिक हत्या के लिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने वाली ईरानी न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर लगाया गया था.
रायसी की जीत होने पर क्या हो सकता है?
रायसी की जीत होती है तो इससे ईरानी सरकार पर कट्टरपंथियों की पकड़ और मजबूत होगी वो भी ऐसे समय में जब विश्व शक्तियों के साथ ईरान के पटरी से उतर चुके परमाणु करार को बचाने की कोशिश के तहत वियना में वार्ता जारी है (How is the Iranian President Elected). ईरान फिलहाल परमाणु हथियार बनाने की श्रेणी के बेहद करीबी स्तर पर यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है. इसे लेकर अमेरिका और इजरायल के साथ उसका तनाव काफी बढ़ा हुआ है.
लोगों में चुनाव को लेकर उत्साह की कमी
माना जाता है कि इन दोनों देशों ने ईरानी परमाणु केंद्रों पर कई हमले किए और दशकों पहले उसके सैन्य परमाणु कार्यक्रम को बनाने वाले वैज्ञानिक की हत्या करवाई (Ebrahim Raisi Background). मतदान की प्रक्रिया स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हुई लेकिन खामेनेई के तहत बनाई गई एक समिति द्वारा सुधारवादियों और रूहानी के साथ जुड़े सैकड़ों उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोके जाने के बाद चुनाव को लेकर जनता में व्यापक रूप से उदासीनता दिखी. खामेनेई ने तेहरान में औपचारिक रूप से वोट डाला और लोगों से भी मतदान में हिस्सा लेने का अनुरोध किया.
इस बार कम लोगों ने डाला है वोट
खामेनेई ने कहा, 'लोगों की भागीदारी से देश और इस्लामी शासन व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में महान स्थान मिलेगा, लेकिन जिन लोगों को इसका सबसे पहले फायदा होगा वो खुद ईरान के लोग होंगे.' उन्होंने कहा, 'आगे बढ़िए, चुनिए और वोट कीजिए.' हालांकि आधा दिन बीतने तक 2017 के पिछले राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले मतदान का प्रतिशत काफी नीचे लग रहा है (Iran Presidential Elections). सरकारी टीवी पर जो कुछ तस्वीरें दिखाई जा रही थीं उनमें मतदान के शुरुआती घंटों में कुछ ही मतदाता नजर आ रहे थे.
रायसी ने तेहरान की मस्जिद में किया मतदान
मतदान के लिए पहुंचे रायसी ने काली पगड़ी पहन रखी थी, जिससे उनकी पहचान शिया परंपरा में पैगंबर मोहम्मद के प्रत्यक्ष वंशज के तौर पर होती है और उन्होंने दक्षिणी तेहरान की एक मस्जिद में मतदान किया. ईरान के आठ करोड़ से अधिक लोगों में से 5.9 करोड़ लोगों को मताधिकार हासिल है. हालांकि सरकारी 'ईरानियन स्टूडेंट पोलिंग एजेंसी' ने कुल 42 फीसदी मतदान होने का अनुमान लगाया है, जो कि 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से सबसे कम होगा. ईरान इस समय कोविड-19 महामारी, वैश्विक अलगाव, व्यापक अमेरिकी प्रतिबंधों और बढ़ती महंगाई जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, इसलिए चुनाव को लेकर मतदाताओं के बीच कोई खास उत्साह नहीं दिखाई दे रहा.