सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जंयती पर जर्मनी के अर्थशास्त्री अनीता बोस ने कहा - नेता जी देश प्रेम के आगे सब कुछ त्याग देते थे

सुभाष चंद्र बोस विचारशील होने के साथ ही काम करने में विश्वास रखते थे।

Update: 2021-01-23 13:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जंयती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाए जाने के दौरान उनकी पुत्री अनीता बोस फाफ ने कहा कि नेता जी देश प्रेम के आगे सब कुछ त्याग देते थे। उनका देश प्रेम अद्भुत था। जर्मनी में अर्थशास्त्री अनीता बोस ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस विचारशील होने के साथ ही काम करने में विश्वास रखते थे।

अपने देश से बहुत प्यार करते थे नेताजी
वो चाहते थे कि उनका देश आधुनिक होने के साथ ही विश्व में सबसे अग्रणी हो। उसकी जड़ें धार्मिक परंपराओं, दर्शन और इतिहास के मामले में भी उतनी ही मजबूत हों। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई गंभीर चुनौतियों का साहसिक तरीके से सामना किया। नेताजी अपने देश से बहुत प्यार करते थे। देश के लिए कितना भी बड़ा त्याग करने के लिए तैयार रहते थे। इसके साथ ही वह अपने परिवार और मित्रों से भी उतना ही प्यार करते थे। अनिता बोस ने कहा कि नेताजी इस सम्मान के हकदार थे। नेताजी को कई नेताओं से समर्थन नहीं मिला, कांग्रेस में भी उनके कम ही आलोचक थे।

अन्य धर्मों का भी उतना ही आदर करते थे नेताजी
अनीता बोस ने कहा कि नेताजी धार्मिक व्यक्ति थे, उनका विश्वास हिंदू धर्म में था, लेकिन वह अन्य धर्मों का भी उतना ही आदर करते थे। वह अन्य धर्मों का सम्मान करने के लिए अपने समर्थकों, आजाद हिंद फौज और परिवार को भी प्रेरित करते थे। म्यूनिख के महावाणिज्य दूत मोहित यादव ने पराक्रम दिवस पर कहा कि नेताजी के संघर्ष को कभी भुलाया नहीं जा सकता।


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