गाजा पर इस्राइल हमले के खिलाफ OIC की बैठक, तनाव कम करने की उठी मांग
उसे तत्काल कम करने की जरूरत है।
गाजा पर इस्राइल हमले के खिलाफ इस्लामिक देशों के सबसे बड़े संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक रविवार को आयोजित की गई। इस आपात बैठक में इस्राइल हमले की कड़ी निंदा करते हुए तुरंत हमले रोकने की मांग की गई। हालांकि इस्राइल पर इस्लामिक देशों की राय अलग-अलग देखी गई । कुछ इस्लामिक देशों ने इस्राइली हमले को लेकर अलग-अलग टिप्पणी की। ओआईसी की बैठक में फिलिस्तीनियों के लिए अलग से राष्ट्र बनाने और पूर्वी यरुशलम को राजधानी बनाने की मांग फिर से दोहराई गई। वहीं इस्राइल राष्ट्रपति नेतन्याहू ने कहा कि जब तक जरूरी होगा तबतक गाजा पर अटैक जारी रहेगा। नेतन्याहू के बयान पर इस्लामिक देशों ने कड़ी आलोचना जताई है।
बैठक में संयुक्त अरब अमीरात समेत अन्य देशों के इस्राइल के साथ अच्छे संबंधों को लेकर भी सवाल खड़े किए गए। दरअसल, पिछले साल, संयुक्त अरब अमीरात ने इजरायल के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर किया था। संयुक्त अरब अमीरात को देखते हुए कई अन्य इस्लामिक देशों ने भी इस्राइल के साथ शांति समझौते किए थे। इसमें बहरीन, मोरक्को और सूडान समेत मिस्त्र और जॉर्डन शामिल हैं। बैठक में गाजा पर हमले के लिए इस्राइल से दोस्ती करने वाले देशों को दोषी ठहराया गया। बता दें कि इस्लामिक सहयोग संगठन में 57 देश शामिल हैं। इसमें कुछ देश हमले को लेकर एकमत नहीं दिखे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक बुलाने की मांग
ओआईसी बैठक सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहना अल सउद ने कहा कि वैश्विक समुदाय को दो राष्ट्र के सिद्धांत के आधार पर शांति समझौते करने और हिंसा रोकने के प्रयास करने चाहिए। इस्राइल के हमले को लेकर पाकिस्तान और तुर्की सबसे ज्यादा हमलावर है। इसके अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया और ब्रुनेई ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक बुलाने की मांग की है।
संयुक्त अरब अमीरात ने तनाव कम करने को कहा
ओआईसी की बैठक में सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए, लेकिन यूएई के विदेश मंत्री की जगह अन्य मंत्री ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यूएई की अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री रईम अल-हाशिमी ने बताया कि पूर्व मध्य में तनाव के जो हालात पैदा हुए है, उसे तत्काल कम करने की जरूरत है।