अब सरकार तलाक से टूटते घरों को बचाने के लिए दंपति को 30 दिन का देगा समय
कड़वाहट है उसे दुरुस्त कर लिया जाए।
चीन में तलाक के बढ़ते मामलों को देख कम्युनिस्ट सरकार टूटते घरों को बचाने के लिए 'कूलिंग ऑफ पीरियड' के तहत 30 दिन का समय दे रही है। नियम बनाया गया है कि तलाक चाहने वाले दंपति को 30 दिन इंतजार करना होगा। इसका मकसद इन दिनों में दोनों पक्ष बात करें और दिमाग से फैसला लें जिससे छोटी सी लड़ाई के कारण घर परिवार को टूटने से बचाया जा सके। दरअसल, सरकार को तलाक के बढ़ते मामलों से समाज खतरे में दिख रहा है। इससे अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो रहा है।
कोशिश : सरकार नहीं चाहती दंपती के बीच लड़ाई रिश्ते टूटने की वजह बने
चीन में तलाक को लेकर बने नए कानून से जुड़े विशेषज्ञ लॉन्ग जुन का कहना है कि दंपती में सुबह लड़ाई होती है और शाम को तलाक। हम नहीं चाहते हैं कि अब कुछ घंटे में ही एक अटूट रिश्ता इस तरह बिखर जाए। इसी को देखते हुए सरकार तलाक में देरी करवा रही है। हालांकि महिलाओं का कहना है कि इंसाफ में देरी की तरकीब उन्हें और अधिक प्रताड़ित करने के बराबर है।
तीन महीने में 10 लाख से अधिक आवेदन
लॉन्ग जुन बताते हैं नए कानून का मकसद शादी के टूटते रिश्ते को बचाना है। नागरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2020 के आखिरी तीन महीनों में तलाक के 10 लाख से अधिक आवेदन आए थे जो पिछले वर्ष के आंकड़ों की तुलना में 13 फीसदी अधिक है। बीजिंग में सबसे अधिक 36 फीसदी यानी तलाक के 27,000 मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
कड़वाहट दूर करने की कोशिश
तलाक के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए नागरिक मामलों का मंत्रालय हर कोशिश में जुटा है। नियम के अनुसार, 30 दिन की समय सीमा पूरी होने के बाद दंपती को अंतिम निर्णय पर पहुंचने के लिए एक और बार बैठक करनी होगी। इसका मकसद रिश्तों को लेकर दंपति के बीच जो भी कड़वाहट है उसे दुरुस्त कर लिया जाए।