अब सिंगापुर जा सकते हैं भारतीय, 26 अक्टूबर से ट्रैवल कर सकेंगे लोग, जानिए ताजा नियम

इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.

Update: 2021-10-23 11:26 GMT

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बावजूद सिंगापुर ने शनिवार को घोषणा की है कि वह दक्षिण एशियाई देशों के लिए अपने दरवाजे खोल रहा है. इन देशों में भारत, नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान शामिल हैं. एक बयान में देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जो लोग पिछले 14 दिनों तक भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान (Pakistan) और श्रीलंका में रहे हैं, वह 26 अक्टूबर, 2021 से सिंगापुर में प्रवेश कर सकते हैं या यहां से फ्लाइट बदल सकते हैं. इन देशों के यात्रियों को पहले सिंगापुर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था.

अब नया आदेश कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा के बाद जारी किया गया है. हालांकि कोरोना वायरस के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सीमा पर अब भी कड़े नियम जारी रहेंगे (Latest Update on Travel Rules). सिंगापुर के स्ट्रेट टाइम्स ने स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से लिखा है कि भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के लिए यात्रा फिर से शुरू की गई है. इन देशों में 14 दिन तक रहने वाले लोगों को 26 अक्टूबर 2021, रात 12 बजे से सिंगापुर में प्रवेश करने की अनुमति होगी.
हजारों में आ रहे कोविड केस
सिंगापुर में 3000 से अधिक दैनिक कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं. शुक्रवार को 3637 मामलों की वृद्धि देखी गई है. इससे पहले बुधवार को सिंगापुर ने एक विस्तारित क्वारंटाइन-मुक्त कार्यक्रम के तहत पहले कुछ यात्रियों का स्वागत किया, जो उसके अंतरराष्ट्रीय यात्रा को बहाल करने वाले विमानन केंद्र की दिशा में एक बड़ा कदम है (Coronavirus in Singapore). इस हफ्ते से टीकाकरण यात्रा लेन (वीटीएल) का विस्तार कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका तक विस्तारित कर दिया गया है. यानी वैक्सीन लगवा चुके लोग यहां से आ सकेंगे.
क्वारंटीन की जरूरत नहीं पड़ेगी
यहां के लोगों को कोविड-19 टेस्ट पास करने के बाद क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस बीच सिंगापुर पूरी तरह टीकाकरण करा चुके 15 और देशों के यात्रियों को क्वारंटीन के बिना प्रवेश करने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है (Singapore Travel Rules Covid). ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.

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