अब इस वजह से गरमाई पाकिस्तानी राजनीति, पूर्व स्पीकर ने पूछा- हम क्यों कर रहे तालिबान की मदद

गरमाई पाकिस्तानी राजनीति

Update: 2021-12-24 16:32 GMT
सीमा पर लगाई गई पाकिस्तान की तार बाड़ को उखाड़ फेंकने के तालिबान लड़ाकों के कदम की सब जगह चर्चा है। पाकिस्तानी संसद के पूर्व अध्यक्ष और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता राजा रब्बानी ने सवाल उठाया है कि तालिबान जब पाकिस्तान की सीमा का सम्मान नहीं करते तो उन्हें हम सहयोग देने की बात क्यों कर रहे हैं ?
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वाराजमी ने बुधवार को बताया था कि तालिबान की स्पेशल फोर्स ने पाकिस्तानी सेना को सीमा पर तार बाड़ लगाने से रोक दिया है। यह घटना अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत से लगने वाली पाकिस्तानी सीमा की है। यह तार बाड़ सीमापार से अवैध आवाजाही रोकने के लिए लगाई जा रही थी। तालिबान के स्पेशल फोर्स के इस कदम पर पाकिस्तान सरकार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई है।
उल्लेखनीय है कि काबुल के विरोध की अनदेखी करते हुए पाकिस्तान अफगानिस्तान से लगने वाली 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा के 90 प्रतिशत हिस्से में तार बाड़ लगा चुका है। पाकिस्तान ने जिस सीमा पर तार बाड़ लगाई है, वह करीब 100 साल पूर्व ब्रिटिश इंडिया सरकार द्वारा तय की गई सीमा रेखा है। लेकिन अफगानिस्तान ने कभी भी इस सीमा रेखा को स्वीकार नहीं किया। इस सीमा रेखा को डूरंड लाइन के नाम से जाना जाता है।
सीनेट में रब्बानी ने कहा, इस मामले में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी संसद में बयान दें और बताएं कि वास्तव में क्या हुआ। कुरैशी विपक्ष को विश्वास में लेकर इस मामले में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा, जब अफगान हमारी सीमा को ही मान्यता नहीं दे रहे तो हम क्यों उनकी मदद के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने बीते रविवार को ही इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआइसी) की बैठक आयोजित कर अफगानिस्तान की मदद की अपील की। लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान ने जिस तरह से अफगानिस्तान से पाकिस्तान पर आतंकी हमले होने की बात कही, उस पर अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इमरान पर गलत बयानी का आरोप लगाया। करजई तालिबान के करीबी राजनीतिक नेता माने जाते हैं।
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