अमेरिका में अब 12-15 साल के बच्चों को भी लगेगी कोरोना वैक्सीन, एफडीए ने फाइजर-बायोनटेक को इस्तेमाल की दी अनुमति  

उन्हें अपने संसाधन मिल रहे हैं, न केवल भीतर से, बल्कि बाहर से भी.”

Update: 2021-05-11 02:32 GMT

अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) ने फाइजर-बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन (Pfizer-BioNTech COVID-19 Vaccine) के किशोरों (12-15 साल) में आपातकालीन इस्तेमाल (Emergency Use) की मंजूरी दे दी है. एफडीए ने कोरोना वायरस से लड़ाई में इसे एक अहम फैसला बताते हुए टीके के इस्तेमाल की मंजूरी दी. एफडीए के कार्यकारी आयुक्त डॉ जेनेट वुडकॉक ने कहा कि यह विस्तार 'हमें सामान्य स्थिति में लौटने के करीब लाता है.' उन्होंने कहा, "माता-पिता और अभिभावक इस बात के लिए आश्वस्त हो सकते हैं कि एजेंसी ने सभी उपलब्ध डेटा की कठोर और गहन समीक्षा की है, जो कि हमारे सभी कोरोना वैक्सीन आपातकालीन उपयोग प्राधिकरणों के पास है."

कंपनी का टीका 16 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए पहले ही मंजूर किया जा चुका है. हालांकि कंपनी ने पाया कि उसका टीका छोटे बच्चों पर भी कारगर है, जिसके महज एक महीने बाद यह घोषणा हुई है. अमेरिका में अक्टूबर के बाद से पहली बार रोजाना के मामले कम होकर औसतन 50,000 से नीचे पहुंच गए हैं. परिवहन सुरक्षा प्रशासन के अनुसार, अमेरिकी हवाईअड्डा जांच केंद्र में करीब 16.7 लाख लोगों की जांच हुई जो पिछले साल मध्य-मार्च से सर्वाधिक है.
12-15 साल के 2,260 वॉलंटिअर्स को दी गई वैक्सीन




फाइजर ने मार्च में आंकड़े जारी करके बताया था कि 12-15 साल के 2,260 वॉलंटिअर्स को वैक्सीन दी गई थी. टेस्ट के डेटा में पाया गया कि पूरे वैक्सिनेशन के बाद इन बच्चों में कोरोना इन्फेक्शन का कोई केस नहीं मिला. उन्होंने दावा किया है कि बच्चों पर उनका वैक्सीन 100 फीसदी असरदार है. फाइजर ने बताया था कि 18 साल के लोगों की तुलना में 12 से 15 साल की उम्र के जिन बच्चों को वैक्सीन की डोज दी गई थी, वो कोरोना से संक्रमित नहीं हुए.
'टीकाकरण ही एकमात्र दीर्घकालिक समाधान'
वहीं, अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने रविवार को कहा कि भारत में कोविड-19 के वर्तमान संकट से उबरने के वास्ते लोगों का टीकाकरण किया जाना ही एकमात्र दीर्घकालिक समाधान है. उन्होंने इस घातक महामारी से निपटने के लिए घरेलू व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोविड-रोधी टीके के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "इस महामारी का पूरी तरह से खात्मा करने के लिए लोगों का टीकाकरण किया जाना चाहिए. भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता देश है. उन्हें अपने संसाधन मिल रहे हैं, न केवल भीतर से, बल्कि बाहर से भी."


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