ताकत दिखाने के लिए सैन्‍य परेड की तैयारी में उत्‍तर कोरिया, ये दो देश हुए सतर्क

उत्‍तर कोरिया के सैन्य परेड जैसे व्यापक कार्यक्रमों की तैयारियों पर नजर रख रही

Update: 2021-09-07 13:32 GMT

सियोल. उत्तर कोरिया (North Korea) द्वारा अपनी बढ़ती परमाणु और मिसाइल क्षमताओं को एक बार फिर प्रदर्शित करने के लिए सैन्य परेड आयोजित करने को लेकर दिए गए संकेतों के बीच दक्षिण कोरिया (south korea) की सेना ने मंगलवार को कहा कि वह इस संबंध में सतर्कता बरत रही है. दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता कर्नल किम जुंग रैक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका की सेनाएं (US Army), उत्‍तर कोरिया के सैन्य परेड जैसे व्यापक कार्यक्रमों की तैयारियों पर नजर रख रही हैं.

उन्होंने यह नहीं बताया कि दोनों देशों की सेनाओं को क्या संकेत मिले हैं और परेड कब आयोजित होने की उम्मीद है? ऐसी अटकलें हैं कि उत्तर कोरिया की अगली सैन्य परेड बृहस्पतिवार को देश के 73वें स्थापना दिवस पर शुरू हो सकती है. हालांकि जुलाई में चीन के साथ दोस्‍ती, सहयोग और पारस्‍परिक सहायता संधि की वर्षगांठ पर चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग और उत्‍तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने वर्चुअल मीटिंग की.
बताया जाता है कि इसके बाद किम जोंग उन ने अपने संदेश में कहा कि हाल के वर्षों में अभूतपूर्व रूप से जटिल अंतरराष्ट्रीय स्थिति के बावजूद उत्तर कोरिया और चीन के बीच कॉमरेडली विश्वास और सैन्य संबंध दिन प्रतिदिन मजबूत होते जा रहे हैं. किम ने कहा कि डीपीआरके और चीन के बीच यह संधि एशिया में समाजवाद और शांति की रक्षा कर रही है, जबकि शत्रुतापूर्ण ताकतें अब हताश हो रही हैं. सरकारी समचार एजेंसी ने इस बातचीत में उत्तर कोरिया को उसके आधिकारिक नाम डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (DPRK) से संबोधित किया.
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने विदेशी दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए एक साथ कसम खाई है. दोनों नेताओं ने उत्तर कोरिया और चीन के बीच दोस्ती, सहयोग और पारस्परिक सहायता संधि की वर्षगांठ पर संबंधों को ज्यादा मजबूत करने का वादा भी किया. चीन दुनिया के सबसे सीक्रेट देशों में शुमार उत्तर कोरिया का सबसे नजदीकी सहयोगी है. कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार दोनों देशों के संबंधों की वर्षगांठ वाली बैठक वर्चुअल आयोजित की गई.
1961 में दोनों के बीच संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद से चीन उत्तर कोरिया का एकमात्र प्रमुख सहयोगी देश रहा है. किम जोंग के परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने उत्तर कोरिया को चीन पर पहले से कहीं अधिक निर्भर बना दिया है. अब उत्तर कोरिया में आयात होने वाला 90 फीसदी माल चीन से ही आता है. बाकी का 10 फीसदी दुनियाभर के देशों से आयात किया जाता है.
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