उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक के बाद अब 2 क्रूज मिसाइलों का किया परीक्षण

2 क्रूज मिसाइलों का किया परीक्षण

Update: 2022-01-25 09:34 GMT
उत्तर कोरिया (North Korea) ने मंगलवार को अपने पूर्वी तट से समुद्र में दो क्रूज मिसाइलें (Cruise missile) दागी हैं. योनहाप न्यूज ने सैन्य सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी. इससे पहले भी उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic missile) का लगातार परीक्षण किया था. योनहाप न्यूज ने कहा कि दक्षिण कोरिया की सेना लॉन्चिंग का पता लगाने के लिए मामले का आकलन कर रही है. हालांकि ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के कार्यालय ने इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है. प्योंगयांग पर लगाए गए संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के बाद भी उत्तर कोरिया लगातार मिसाइलों को लॉन्च कर रहा है. 17 जनवरी को आखिरी बार बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया था.
आपको बता दें कि उत्तर कोरिया की नई हाइपरसोनिक मिसाइल की क्षमताओं को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं. उत्तर कोरिया ने 11 जनवरी को भी नई मिसाइल का परीक्षण करने का दावा किया था. दक्षिण कोरिया ने उसी दिन इस दावे की पुष्टि भी कर दी थी. इस मिसाइल के परीक्षण को लेकर विशेषज्ञों ने भी अपनी अलग-अलग राय दी थी. कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि इस मिसाइल को हाइपरसोनिक नहीं कहा जा सकता. ये मिसाइल उतनी दूरी तक भी नहीं गई, जिससे इसे अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने में सक्षम माना जाए.
उत्तर कोरिया हाइपरसोनिक मिसाइल दागने में सक्षम
हालांकि दक्षिण कोरियाई सेना के प्रमुख ने कहा कि 11 जनवरी को दागी गई मिसाइल की क्षमता उस मिसाइल से बेहतर थी, जिसका उत्तर कोरिया ने छह दिन पहले परीक्षण किया था. पांच जनवरी को दागी गई मिसाइल को उत्तर कोरिया ने हाइपरसोनिक मिसाइल बताया था. लेकिन तब उसके दावे पर दक्षिण कोरिया ने शक जताया था. अब दक्षिण कोरिया की सेना ने पुष्टि कर दी है कि उत्तर कोरिया हाइपरसोनिक मिसाइल दागने में सक्षम हो गया है.
5 जनवरी को किया गया बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च
उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन ने 5 जनवरी से चार हथियार परीक्षणों में छह बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की थी. दक्षिण कोरियाई सेना ने इसकी पुष्टि भी की थी कि उत्तर ने 2022 के अपने पांचवें परीक्षण में दो क्रूज मिसाइलें दागी थीं. पांच जनवरी के मिसाइल परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक हुई थी. लेकिन पर्यवेक्षकों का कहना था कि संयुक्त राष्ट्र की चिंताओं से उत्तर कोरिया के इरादे पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे. उसके बावजूद उत्तर कोरिया ने आधुनिक हथियारों का विकास जारी रखा है.
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