माता के इस मंदिर में नूडल्स और चाऊमीन का लगाया जाता है भोग, चीनी पुजारियों द्वारा होता संचालित
आज हम आपको एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर भगवान को नूडल्स और चाऊमीन का भोग लगाया जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज हम आपको एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर भगवान को नूडल्स और चाऊमीन का भोग लगाया जाता है। यहां पर भक्तों को प्रसाद के तौर पर चाइनीज फूड दिया जाता है। इस अनोखे मंदिर का नाम चाइनीज काली माता का मंदिर है। काली माता का ये मंदिर पश्चिम बंगाल के टेंगरा में स्थित है। यहां पर बड़ी संख्या में हिंदू भक्तों के साथ साथ चीनी और बौद्ध धर्म से जुड़े लोग भी माता का दर्शन करने के लिए आते हैं। अपने इसी अनोखेपन के कारण काली माता का ये मंदिर दुनिया भर में जाना जाता है। इस मंदिर में माता की पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद में नूडल्स, फ्राइड राइस, चाऊमीन और मंचूरियन मिलता है। इस मंदिर के भीतर बड़ी संख्या में भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। इसी सिलसिले में आइए जानते हैं चाइनीज काली माता के मंदिर के बारे में -
इस मंदिर का इतिहास काफी अनूठा है। माता के इस मंदिर का निर्माण चीनी लोगों ने करवाया था। कहा जाता है कि बहुत पहले यहां एक पेड़ हुआ करता था। उस पेड़ के नीचे कुछ काले पत्थर रखे हुए थे, जिसे मां काली के प्रतीक के तौर पर पूजा की जाती थी। इस जगह पर उस समय कई चीनी लोग रहा करते थे।
अचानक एक दिन किसी चीनी लड़के की तबियत खराब हो गई। उसके बचने की बहुत कम संभावना थी। कुछ समय बाद लड़के के माता पिता ने उसके स्वास्थ्य को लेकर माता से प्रार्थना की और माता काली की श्रद्धापूर्वक ढंग से पूजा की। माता की पूजा के बाद लड़का पूरी तरह स्वस्थ हो गया। इससे उसके मां बाप काफी खुश हुए और उन्होंंने वहां पर चाइनीज काली माता के मंदिर का निर्माण करवाया।
तब से इस मंदिर में कई चीनी लोग आकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। यही नहीं मंदिर के भीतर कई चीनी पुजारी भी हैं। यहां पर आए भक्तों को प्रसाद के रूप में चॉप्सी और चाउमीन दिया जाता है।
इस मंदिर में जो भक्त आते हैं वे मंदिर के भीतर हाथ से बने एक पेपर को जलाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और बुरी आत्माएं उनसे दूर रहती हैं। अपने इसे अनोखेपन के कारण ये मंदिर विश्व भर में काफी चर्चित है।