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प्रदर्शन करने वालों पर एके-47 और शॉटगन्स से गोलियां दागी जा रहीं हैं.
हिजाब के खिलाफ ईरान में शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन लगातार बढ़ते हुए अब हिंसक रूप ले चुका है. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई हिंसक झड़पों में अब तक कुल 133 आम लोगों की मौत हो चुकी है. ईरान में 17 दिन बाद भी स्थिति ठीक होती नहीं दिख रही है. इसके साथ प्रदर्शन में शामिल होने वालों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. ईरान के बड़े नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने हिजाब के खिलाफ देशभर में जारी विरोध-प्रदर्शनों पर सोमवार को चुप्पी तोड़ी और इन हिंसक विरोध-प्रदर्शनों की निंदा की है.
अमेरिका और इजराइल को ठहराया जिम्मेदार
अयातुल्ला अली खामनेई ने ईरान में चल रहे प्रदर्शनों को लेकर अमेरिका और इजराइल पर बड़ा आरोप लगाया है. खामनेई ने विरोध-प्रदर्शनों को विदेशी साजिश करार देते हुए कहा है कि ईरान में चल रहे इन हिंसक प्रदर्शनों के पीछे अमेरिका और इजराइल का हाथ है. खामनेई ने आगे कहा कि इन विरोध-प्रदर्शनों से विदेशी ताकते ईरान को अस्थिर करना चाहती हैं. खामनेई ने ईरानी पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत पर खेद भी जताया है. गौरतलब है कि कथित तौर पर हिजाब ठीक से नहीं पहनने के चलते ईरानी पुलिस ने अमीनी को हिरासत में लिया था और अमीनी की मौत के बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन होने लगे.
खामनेई ने दंगों को बताया सुनियोजित
तेहरान में पुलिस प्रशिक्षुओं के कैडर को संबोधित करते हुए खामनेई ने कहा कि यह दंगे सुनियोजित थे. जिसके पीछे अमेरिका और यहूदी शासन का हाथ है. आपको बता दें कि महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के तीन सप्ताह बाद भी देश भर में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. ईरान सरकार इन प्रदर्शनों को लेकर बेहद कड़ा रुख अपना रही है. गौरतलब है कि ईरान में हिजाब के खिलाफ चल रहा ये प्रर्दशन इतना उग्र हो चुका है कि मानवाधिकार समूह को अब डर सता रहा है, कहीं ईरानी सेना IRGC (ईरान रिवोल्यूशनरी गॉर्ड कोर) प्रदर्शनकारियों का नरसंहार न करने लगे. मानवाधिकार समूह हेंगाव के अनुसार, सभी कुर्द बहुल शहरों को ईरानी सुरक्षाबलों ने घेर लिया है और प्रदर्शन करने वालों पर एके-47 और शॉटगन्स से गोलियां दागी जा रहीं हैं.