चीन के ड्रोन मदरशिप पर कोई भी इंसान नहीं रहता है, प्रशांत महासागर में बढ़ाएगा प्रभाव

जो पारंपरिक हथियारों के अपेक्षाकृत बनाने में सस्ता और आसान हो।

Update: 2022-06-14 07:49 GMT

बीजिंग: चीन ने कुछ दिनों पहले एक ड्रोन मदरशिप लॉन्च किया है। चीन ने आधिकारिक तौर पर इसे सिर्फ एक रिसर्च करने वाला जहाज बताया है, लेकिन कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एक जहाज है जो दुश्मन पर अपने आप हमला कर सकता है। इस पर कोई भी व्यक्ति सवार नहीं होगा। चीन के ड्रोन मदरशिप के सामने आने के बाद ये माना जा रहा है कि चीन प्रशांत महासागर में अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है।

चीन ने पिछले महीने झू हाई यून (Zhu Hai Yun) ड्रोन मदरशिप की लॉन्चिंग दिखाई। ये ड्रोन मदरशिप हवाई ड्रोन और पानी के ड्रोन को AI के जरिए लॉन्च कर सकता है। जानकारी के मुताबिक 89 मीटर लंबा ड्रोन इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगा। इसकी रफ्तार 18 नॉट लगभग 34 किमी प्रति घंटे होगी। चीन इस मदरशिप के जरिए अपनी सर्विलांस की क्षमता बढ़ाना चाहता है और विशाल प्रशांत महासागर पर अपना प्रभाव स्थापित करना चाहता है।
ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहती हैं सेनाएं
जहाज को बनाने वाली प्रयोगशाला के निदेशक चेन डैक ने कहा कि जहास समुद्री विज्ञान को समझने में एक बेहतर उपकरण साबित होगा। ये समुद्री आपदा रोकथाम, समुद्र का सटीक मानचित्रण, समुद्री पर्यावरण निगरानी और समुद्री खोज और बचाव में महत्वपूर्ण होगा। दुनिया भर की सेनाएं ड्रोन को युद्ध में इस्तेमाल करना चाहती हैं, ताकि सैनिकों की जान खतरे में न आए।
अमेरिकी सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल लुशेंको ने चीन के ड्रोन मदरशिप पर कहा कि ये शायद ये दुनिया भर की नौसेना में सबसे पहले बनाया गया है। अन्य देश की सेनाएं भी ड्रोन के जरिए दूर-दराज के क्षेत्रों में युद्ध की क्षमता का प्रयोग कर रही हैं। हालांकि ड्रोनमदरशिप को दुनिया भर के विशेषज्ञ चीन के क्षेत्रीय दावों को और मजबूत करने की तरह देख रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये ताइवान के युद्ध में चीन के लिए मददगार होगा।
युद्ध में गेम चेंजर साबित होगा
प्रशांत क्षेत्र में दशकों के अमेरिकी प्रभाव करना चीन का उद्देश्य है। एक एयरक्राफ्ट कैरियर पर जहां सैकड़ो लोग होते हैं, तो वहीं ड्रोन मदरशिप के पास अपना दिमाग है। लंबे समय तक ड्रोन मदरशिप समुद्र में रह सकती है और अपने आप रास्ता खोज लेती है। अपने दुश्मनों पर मिसाइल दागने की क्षमता भी इसके पास है। समुद्र की सतह की मैपिंग भी चीन इससे अच्छा कर सकेगा।
जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी में जोखिम के प्रमुख जीन-मार्क रिकली ने कहा कि ड्रोन मदरशिप का लक्ष्य जानकारियां इकट्ठा करना है। उन्होंने आगे कहा कि ये युद्ध में गेम चेंजर साबित होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के डिवाइस से युद्ध लड़ना कठिन होगा जो पारंपरिक हथियारों के अपेक्षाकृत बनाने में सस्ता और आसान हो।

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