श्रीलंका के राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, कुर्सी बचाने में कामयाब रहे गोटबाया राजपक्षे
आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका की संसद में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है. गोटबाया देश के राष्ट्रपति बने रहेंगे. राजपक्षे की इस्तीफे की मांग को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, उसके बावजूद प्रस्ताव के पक्ष में 68 और विरोध में 119 वोट पड़े. राष्ट्रपति राजपक्षे के खिलाफ विपक्षी तमिल नेशनल एलायंस (TNA) के सांसद एम ए सुमनथिरन द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था. देशभर में गोटबाया राजपक्षे की इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन चल रहे हैं, लेकिन उन्होंने कुर्सी छोड़ने से साफ इनकार कर दिया है.
सरकार को संसद में मिली जीत
श्रीलंका की सरकार ने मंगलवार को संसद में दो महत्वपूर्ण जीत हासिल की, जिसमें राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का गिर जाना और डिप्टी स्पीकर के पद के लिए उसका उम्मीदवार चुना जाना शामिल है.
अविश्वास प्रस्ताव के पहले रूलिंग SLPP के उम्मीदवार ने अजीत राजपक्षे को संसद का उपाध्यक्ष चुना गया, जो नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से पहली बार मिले थे. 48 वर्षीय अजीत राजपक्षे श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना पार्टी (SPPP) को संसद में गुप्त मतदान के बाद चुना गया है. अजीत राजपक्षे सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार से संबंधित नहीं हैं, लेकिन हंबनटोटा के उसी गृह जिले से आते हैं. हाउस स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धना ने कहा कि 23 वोट खारिज कर दिए गए. इस साल एक महीने रंजीत सियामबलपतिया के इस पद से इस्तीफा देने के बाद डिप्टी स्पीकर का पद खाली रह गया था. पूर्व प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे और हिंसा के बाद मंगलवार को पहली बार सदन की बैठक हुई, जिस हिंसा में एक सांसद समेत नौ लोग मारे गए थे. इस बैठक से महिंदा राजपक्षे और उनके बेटे नमल राजपक्षे दोनों अनुपस्थित थे, जबकि बासिल राजपक्षे और शशिंद्र राजपक्षे व अन्य सदस्य संसद में मौजूद थे.