आर्मीनिया के संसदीय चुनाव में एक बार फिर प्रधानमंत्री बने निकोल पशिनयान
आर्मीनिया के संसदीय चुनाव के सोमवार को जारी।
आर्मीनिया (Armenia) के संसदीय चुनाव के सोमवार को जारी परिणामों के अनुसार कार्यवाहक प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान की पार्टी ने जीत दर्ज की है. सभी क्षेत्रों की गिनती के साथ ही पशिनयान की 'सिविल कॉन्ट्रेक्ट पार्टी' (Civil Contract party) ने 53.9 प्रतिशत वोट हासिल किए. चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट कोचरयान (Robert Kocharyan) के नेतृत्व वाला एक दल लगभग 21 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है.
एक अन्य पूर्व राष्ट्रपति सर्ज सरगस्यान से संबद्ध एक दल 5.2 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा और एक अन्य पार्टी को लगभग चार प्रतिशत मत मिले. प्रधानमंत्री पशिनयान ने नवम्बर में हुए शांति समझौते के बाद जनता के रोष को शांत करने के लिए समय से पहले ही रविवार को चुनाव कराने का आह्वान किया था.
49 प्रतिशत हुआ मतदान
पिछले कई महीने से प्रदर्शनकारी पशिनयान के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. रूस की मध्यस्थता से हुए समझौते से आर्मीनिया और अजरबैजान की सेना के बीच छह सप्ताह से चल रही जंग खत्म हो गई लेकिन अजरबैजान ने नागोर्नो-काराबाख के बड़े हिस्से तथा आसपास के इलाके पर अपना नियंत्रण बना लिया, जहां पिछले कई वर्षों से आर्मीनिया की सेना का कब्जा था.
राजनीतिक उठापठक के बावजूद रविवार को केवल 49 प्रतिशत ही मतदान हुआ. समय से पहले चुनाव के लिए पशिनयान प्रधानमंत्री पद से हट गए थे और वह वर्तमान में कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं. चुनावी मैदान में 21 राजनीतिक दल और चार गठबंधन हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला दो राजनीतिक शक्तियों-पशिनयान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ 'सिविक कॉन्ट्रेक्ट पार्टी' और पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट कोचरयान के 'आर्मीनिया अलायंस' के बीच था.
10 साल राष्ट्रपति रहे कोचरयान
कोचरयान 1998 से 2008 के बीच राष्ट्रपति थे. 46 वर्षीय निकोल पशिनयान देश में बड़े विरोध प्रदर्शन के बाद 2018 में सत्ता में आए थे. सरकार बनाने के लिए संसद की 54 प्रतिशत सीटों पर जीत जरूरी थी. रविवार को होने वाले चुनाव के लिए 2,000 से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए थे और करीब 26 लाख योग्य मतदाता थे.