यूक्रेन में बंकरों में पैदा हो रहे नवजात बच्चे, देश छोड़कर फ्रांस भागे शख्स ने सुनाई दर्दभरी दास्तां
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमले से पहले पूर्वी यूक्रेन के दोनेस्तक और लुहांस्क को स्वतंत्र क्षेत्र घोषित कर दिया था.
रूस और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) का आज आठवां दिन है. इस दौरान रूस (Russia) ने यूक्रेन के तमाम शहरों पर घातक हमले किए हैं. जिसमें बड़ी संख्या में ना केवल सैनिक बल्कि आम लोग भी मारे जा रहे हैं. अपनी जान बचाने के लिए अब तक 10 लाख से अधिक लोग देश छोड़कर भाग चुके हैं. वहीं, जो लोग देश छोड़कर नहीं जा पा रहे, वो बम शेल्टर या बंकरों में खुद को छिपाए हुए हैं. देश की गर्भवती महिलाएं भी इसी हाल में रहने को मजबूर हैं.
कई महिलाओं ने बंकरों में ही अपने बच्चों को जन्म दिया है. इसके लिए अस्पतालों की तरफ से भी व्यवस्था की जा रही हैं. इस मामले में सड़क के रास्ते देश छोड़ने वाले यूक्रेनी शख्स व्लोदिमीर यारमोलेंको ने जानकारी देते हुए बताया कि वह अपने बच्चों के साथ यूक्रेन की राजधानी कीव छोड़कर आए हैं. यहां रूस के बम गिरने का खतरा बना हुआ था. उन्हें यहां तक आने में चार दिनों का वक्त लगा और वह फिलहाल फ्रांस के मोसैल में रह रहे हैं.
चेर्नीहीव में अब तक 46 बच्चे पैदा हुए
यारमोलेंको ने कहा, 'मुझे लगता है कि किसी भी तरह का युद्ध बेवकूफी है. लेकिन यह युद्ध बाकी सभी के मुकाबले सबसे अधिक बेवकूफी भरा है.' इस युद्ध ने एक हफ्ते के भीतर ही यूक्रेन के लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल दी है. चेर्नीहीव शहर के मैटरनिटी वार्ड में बीते गुरुवार (जब रूस ने यूक्रेन पर पहला हमला किया) से अब तक 46 बच्चे जन्म ले चुके हैं. गर्भवती महिलाएं और बच्चों को जन्म दे चुकी महिलाएं अस्पतालों के भीतर बने बंकरों में रहने को मजबूर हैं.
शेल्टर में छिपने को मजबूर महिलाएं
ये स्थिति सिर्फ चेर्नीहीव शहर की ही नहीं बल्कि देश के कई और हिस्सों की भी है. अस्पताल ऐसे वक्त पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जब मेडिकल उपकरणों की कमी पड़ गई है. नवजातों को एक से दूसरे शेल्टर में शिफ्ट करना पड़ रहा है. किसी को अंदाजा नहीं है कि रूस का अगल बम या मिसाइल कहां आकर गिरेगी. नवजातों और उनकी मांओं को बेसमेंट में रखा जा रहा है. महिलाएं अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी डरी हुई हैं.
रूस ने क्यों किया यूक्रेन पर हमला?
रूस ने यूक्रेन पर बीते गुरुवार को हमला किया था. वो नहीं चाहता कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो और नाटो का पूर्व की तरफ विस्तार हो. जबकि यूक्रेन का कहना है कि वह एक स्वतंत्र देश है और अपनी मर्जी से किसी भी गुट का हिस्सा बन सकता है. रूस के हमले के बाद से दुनियाभर के देशों और संगठनों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं. ये सख्ती ईरान और उत्तर कोरिया पर लगाए प्रतिबंधों से भी ज्यादा कड़ी है. रूस ने हमले के पीछे की वजह यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में रहने वाले अलगाववादियों की सुरक्षा को भी बताया है. उसका आरोप है कि यूक्रेन इन लोगों के साथ भेदभाव करता है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमले से पहले पूर्वी यूक्रेन के दोनेस्तक और लुहांस्क को स्वतंत्र क्षेत्र घोषित कर दिया था.