कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन दुनिया के 89 देशों में फैला
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यहां कोरोना के एक भी मामले नहीं आए हैं.
कोरोना वायरस (Coronavirus) का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) दुनिया के 89 देशों में फैल चुका है. कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चलते इसके केस 1.5 से 3 दिनों में दोगुने हो रहे हैं. जहां दुनिया के ज्यादातर देश कोरोना वायरस महामारी और डेल्टा-ओमिक्रॉन वेरिएंट का कहर झेल रहे हैं. दूसरी ओर कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां कोरोना का एक भी केस नहीं है. ऐसे कुल 12 देश हैं. इनमें से 10 द्वीपीय देश हैं. वहीं, 2 ऐसे भी देश हैं, जहां तानाशाही व्यवस्था है. इसलिए वहां सीमा को सख्ती के साथ बंद करके रखा गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इन देशों में कोरोना के जीरो केस के दावे किए गए हैं. हालांकि, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ मामले यहां पहले रहे हों, क्योंकि उत्तर कोरिया और तुर्कमेनिस्तान जैसे देश अपने हेल्थ डेटा का रिकॉर्ड सटीकता के साथ अंतरराष्ट्रीय समूह से शेयर नहीं करते हैं.
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आइए जानते हैं दुनिया के उन 10 देशों के बारे में, जहां कोरोना का एक भी केस नहीं है:-
1. तुर्कमेनिस्तान: मध्य एशिया में स्थित तुर्कमेनिस्तान में कोरोना महामारी का नहीं पहुंचना कई सवाल खड़े करता है. क्योंकि इसकी सीमा से लगे सभी देशों में कोरोना का भयंकर प्रकोप देखा जा सकता है. हालांकि, तुर्कमेनिस्तान ने अब कोरोना के एक भी मामलों की पुष्टि नहीं की है. साथ ही कई सख्त उपायों को अपनाया है.
2. तुवालू: हवाई और ऑस्ट्रेलिया के बीच स्थित तुवालु तीन रीफ और छह प्रवाल द्वीपों से बना है. यह 10 वर्ग मील में फैला है और 10,000 से अधिक की आबादी है. यहां पर अनिवार्य क्वारंटाइन लागू है. साथ ही अपनी सीमा को बंद कर इसने कोरोना को रोकने में सफलता पाई है.
3. उत्तर कोरिया: उत्तर कोरिया अपनी सीमा चीन और दक्षिण कोरिया के साथ साझा करता है. इसलिए कई लोगों का मानना है कि यहां कोरोना का एक भी मामला नहीं होना असंभव है. लेकिन उत्तर कोरिया ने आधिकारिक तौर पर एक भी कोरोना के मामलों की पुष्टि नहीं की है. 2.5 करोड़ आबादी वाले उत्तर कोरिया ने सख्त लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों को लागू किया है। साथ ही अपनी सीमा को भी बंद कर रखा है.
4. तोकेलाऊ: दक्षिण प्रशांत महासागर में तीन उष्णकटिबंधीय प्रवाल द्वीपों से मिलकर बना है. तोकेलाऊ, न्यूजीलैंड पर आश्रित है. तीनों प्रवाल द्वीपों का कुल क्षेत्रफल चार वर्ग मील है. यहां पर कोई एयरपोर्ट नहीं है. तोकलाऊ जाने के लिए एकमात्र साधन समुद्री जहाज है.
5. सेंट हेलेना: साउथ अटलांटिक महासागर में बसा ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र सेंट हेलेना आइलैंड है. यह अफ्रीका के दक्षिण-पश्चिमी तट से 1950 किमी की दूरी पर स्थित है. एसेंशन आईलैंड इसके सबके निकट है, जिसका उपयोग अमेरिकी एयरफोर्स करती है.
6. पिटकेर्न द्वीप समूह: पिटकेर्न द्वीप चार ज्वालामुखी द्वीपों का एक समूह है, जो प्रशांत महासागर में एकमात्र ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र है. माना जाता है कि 50 से कम पूर्णकालिक निवासी हैं. यह द्वीप एचएमएस बाउंटी के नाविकों के वंशजों द्वारा बसाया हुआ है. कोरोना मामलों की कोई रिपोर्ट नहीं होने के बावजूद अमेरिकी सरकार ने द्वीपों पर संक्रामक रोगों के संबंध में उच्च जोखिम की चेतावनी दी है.
7. नियू: नियू द्वीप न्यूजीलैंड से 2400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. द्वीप राष्ट्र नीयू दुनिया के सबसे बड़े प्रवाल द्वीपों में से एक है. कोरोना महामारी से निपटने के लिए नियू को न्यूजीलैंड लगातार सहायता मिलती है.
8. नाउरु: नाउरु आकार के हिसाब से दुनिया का तीसरा सबसे छोटा देश है. यह सिर्फ आठ वर्ग मील में फैला है. इसकी आबादी लगभग 10 हजार के करीब है. नाउरु ने भी अपने पड़ोसी द्वीप राष्ट्रों किरिबाती के समान ही यात्रा प्रतिबंधों के माध्यम से कोरोना वायरस पर अब तक काबू पाया है.
9. किरिबाती: 32 प्रवाल द्वीपों, वृत्ताकार कोरल रीफ और लाइमस्टोन द्वीप समूह मिलकर किरिबाती को एक देश बनाते हैं. यह हवाई से 3200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. किरिबाती सबसे शुरुआती दिनों में यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले देशों में शामिल है.
10. माइक्रोनेशिया: माइक्रोनेशिया 600 से अधिक द्वीपों से बना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यहां कोरोना के एक भी मामले नहीं आए हैं.