ओमिक्रोन वैरिएंट का सामना करने को आ रही नई वैक्सीन, फाइजर CEO का दावा

फाइजर इंक के चीफ एक्जीक्यूटीव अलबर्ट बौर्ला (Albert Bourla) ने सोमवार को कहा कि दोबारा से डिजायन किए गए कोरोना वैक्सीन पर काम हो रहा है

Update: 2022-01-11 00:48 GMT

फाइजर इंक के चीफ एक्जीक्यूटीव अलबर्ट बौर्ला (Albert Bourla) ने सोमवार को कहा कि दोबारा से डिजायन किए गए कोरोना वैक्सीन पर काम हो रहा है जो विशेषकर कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमण को रोकने के मकसद से बनाया जा रहा है। जेपी मोर्गन हेल्थकेयर कांफ्रेंस में बौर्ला ने बताया कि फाइजर और पार्टनर बायोएनटेक SE दोनों मिलकर इस नए वैक्सीन पर काम कर रहे हैं साथ ही पहले वाली दोनों वैक्सीन पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी इस नई वैक्सीन के अप्रूवल के लिए जल्द ही तैयार हो जाएगी और मार्च तक इसका प्रोडक्शन भी शुरू हो जाएगा।

अमेरिका की जान्स हापकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार अभी वैश्विक संक्रमण के कुल 306,911,004 मामले हैं और अब तक 5,488,373 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। वहीं कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अब तक कुल 9,410,829,625 डोज दिए जा चुके हैं। कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक सबसे बुरा हाल अमेरिका का रहा है। यहां अब तक कुल 60,072,321 मामले आ चुके हैं और 837,594 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।

संयुक्त राष्ट्र समर्थित मेडिसिंस पेटेंट पूल ने नवंबर में फाइजर के साथ एक लाइसेंस एग्रीमेंट किया था, जिसके तहत फाइजर कंपनी को पैक्सलोविड के लिए सब-लाइसेंस देने की इजाजत मिली है। यह दवा भारत समेत 95 कम और मध्यम आय वाले देशों को भेजी जाएगी। फाइजर के प्रवक्ता ने कहा है कि जिन सस्ती दवाओं पर काम चल रहा है, अभी वह इस साल नहीं आ सकेंगी, इसी के तहत कंपनी कम और मध्य आय वाले देशों के अंतरिम विकल्प के तौर पर सस्ते में यह दवा दे रही है।

पिछले हफ्तेे ही अमेरिका में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 12 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए अतिरिक्त फाइजर खुराक की अनुमति दी। बूस्टर पहले से ही 16 और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए अनुमोदित हैं, और संघीय नियामकों ने सोमवार को फैसला किया कि इसकी आखिरी खुराक के बाद से पर्याप्त समय बीत जाने के बाद इसे 12 से 15 साल के बच्चों के लिए भी अनुमोदित किया जाता है। उल्लेखनीय है कि वयस्कों की तुलना में बच्चे कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित नहीं होते हैं। लेकिन ओमिक्रोन वैरिएंट से बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या बढ़ रही है और उनमें से अधिकांश को वैक्सीन नहीं लगा है।


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