New Covid-19 Variant: दक्षिण अफ्रीका में मिला कोविड 19 का नया वैरिएंट, जाने मानव जीवन के लिए कितना है ख़तरनाक

New Covid-19 Variant कोविड का नया वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका के अधिकांश प्रांतों और अफ्रीका यूरोप एशिया और ओशिनिया जैसे 7 अन्य देशों में पाया गया है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में बताया कि अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की गई है।

Update: 2021-08-30 09:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। New Covid-19 Variant: दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 के संभावित वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) की पहचान की गई है, जिसे पैंगो वंश सी.1.2 (PANGO lineage C.1.2) को सौंपा गया है। दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिज़ीज़ (NICD) और क्वाज़ुलु-नेटल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म के शोधकर्ताओं ने कहा कि C.1.2 को पहली बार मई 2021 में देश में आई कोविड की तीसरी लहर के दौरान पहचाना गया था।

तब से यह दक्षिण अफ्रीका के अधिकांश प्रांतों और अफ्रीका, यूरोप, एशिया और ओशिनिया जैसे 7 अन्य देशों में पाया गया है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में बताया कि अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की गई है और इसे प्री-प्रिंट सर्वर मेडरेक्सिव पर पोस्ट किया गया है।
यह वैरिएंट C.1 से विकसित हुआ है, जो दक्षिण अफ्रीका में SARS-CoV-2 संक्रमण की पहली लहर पर हावी होने वाली वंशावली में से एक है और आखिरी बार जनवरी 2021 में इसका पता चला था। शोध टीम के साथ NICD से कैथरीन स्कीपर्स ने सार में लिखा कि C.1.2 की पारगमन क्षमता कहीं ज़्यादा बढ़ी हुई है।
सबसे ज़्यादा म्यूटेट हुआ है C.1
C.1 की तुलना में, नया संस्करण "काफी हद तक उत्परिवर्तित (Mutated)" है। यह वुहान में पाए गए किसी भी मूल वायरस से अधिक उत्परिवर्तित है। स्टडी के अनुसार, C.1.2 एक साल में 41.8 दफाह म्यूटेट हो चुका है। यह मौजूदा वैश्विक दर से लगभग 1.7 गुना तेज़ है।
C.1.2 में पहचाने गए लगभग 52 प्रतिशत स्पाइक म्यूटेशन को पहले अन्य VOI और VOCs में पहचाना गया है। इनमें D614G, सभी वेरिएंट के लिए सामान्य, और E484K और N501Y शामिल हैं, जिन्हें बीटा और गामा के साथ साझा किया जाता है, E484K को Eta में और N501Y को अल्फा में भी देखा जाता है।
इसके अलावा, अध्ययन में यह भी पाया गया कि दक्षिण अफ्रीका में हर महीने में C.1.2 जीनोम की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। मई में 0.2 प्रतिशत से बढ़कर जून में 1.6 प्रतिशत और जुलाई में 2.0 प्रतिशत हो गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह दक्षिण अफ्रीका में बीटा और डेल्टा में शुरुआती पहचान के दौरान देखी गई वृद्धि के समान है।
भारत में भी मिला डेल्टा का नया उप-वंश
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह वैरिएंट डेल्टा से भी ज़्यादा एडवान्स्ड है, इसे समझने के लिए ज़्यादा रिसर्च की ज़रूरत है। इसी बीच, भारत ने भी डेल्टा वैरिएंट के एक नए उप-वंश AY.12 की उपस्थिति की सूचना दी है, जिसे हाल ही में इज़राइल में वर्गीकृत किया गया था।
भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कई मामले जिन्हें पहले डेल्टा के रूप में पहचाना जा रहा था, अब उन्हें AY.12 के रूप में पहचाना जाएगा।


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