बीजिंग, (आईएएनएस)| 10 मार्च की रात को चीन, सऊदी अरब और ईरान ने पेइचिंग में त्रिपक्षीय संयुक्त बयान जारी किया। इस बयान में, तीन देशों ने घोषणा की कि सऊदी अरब और ईरान एक समझौते पर पहुंचे, जिसमें दोनों पक्षों के बीच राजनयिक संबंधों को बहाल करने पर सहमति, दो महीने के भीतर दूतावासों और प्रतिनिधि कार्यालयों को फिर से खोलना, एक दूसरे के यहां राजदूतों की व्यवस्था करना और द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती पर विचार विमर्श करना आदि शामिल हैं। तीनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति व सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करने की इच्छा भी व्यक्त की। इस खबर पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने कई सकारात्मक टिप्पणियां दीं। उनका कहना है कि सऊदी अरब और ईरान के बीच संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ा गया, मध्य पूर्व कूटनीति के लिए यह एक बड़ी प्रगति है, और इसका युगांतरकारी मील का पत्थर महत्व है, इत्यादि। मध्य पूर्व क्षेत्र ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। इराक, ओमान और लेबनान सहित कई देशों ने पेइचिंग में सऊदी-ईरानी वार्ता के परिणामों का स्वागत किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एटंनियो गुटेरेस ने बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए चीन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे खाड़ी क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
चीन हमेशा मध्य पूर्व के देशों की रणनीतिक स्वतंत्रता का समर्थन करता है, और बातचीत व परामर्श के माध्यम से समस्याओं को हल करने के लिए उनका समर्थन करता है। चीन मध्य पूर्व देशों का सच्चा विश्वसनीय दोस्त है। इस बार पेइचिंग में सऊदी अरब और ईरान की बातचीत तीनों देशों के नेताओं की आम सहमितयों पर आधारित है। वार्ता में प्राप्त परिणामों से जाहिर है कि एक सद्भावनापूर्ण और विश्वसनीय मध्यस्थ के रूप में, चीन ने एक मेजबान के रूप में अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से पूरा किया है और एक प्रमुख देश के रूप में अपनी जिम्मेदारी का प्रदर्शन किया है।
सऊदी अरब और ईरान दोनों मध्य पूर्व में प्रमुख देश हैं। दोनों पक्षों के गठबंधन ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता का रास्ता खोल दिया है और बातचीत व परामर्श के माध्यम से संघर्षो और मतभेदों को हल करने के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इससे यमन, सीरिया और लीबिया में गृहयुद्धों की छूट और समाधान पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सऊदी अरब और ईरान ने अपनी कार्रवाइयों के साथ सही चुनाव किया है। पेइचिंग ने भी सऊदी अरब और ईरान के बीच संबंधों को सुधारने के लिए अच्छी शुरुआत की है। जाहिर है कि उथल-पुथल की दुनिया में, शांति और संवाद ही सही रास्ता है।