नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर ने कहा- कोई गारंटी नहीं है कि भारत हमारी अतिरिक्त बिजली खरीदेगा

भारत सरकार ने पुनर्निर्माण के वास्ते आवास क्षेत्र के लिए भूकंप बाद सहायता पैकेज के रूप में 15 करोड़ अमरीकी डालर की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी.

Update: 2021-11-16 09:47 GMT

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने मंगलवार को विकास गतिविधियों के लिए पनबिजली के घरेलू इस्तेमाल को बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि भारत उसकी अतिरिक्त बिजली खरीदेगा. नेपाल स्वतंत्र बिजली उत्पादन संघ (आईपीपीएएन) की 19वीं और 20वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए देउबा ने यह बात कही है.

उन्होंने कहा, 'हमें विकास गतिविधियों में तेजी लाने और सीओपी-26 में की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए देश के भीतर अधिक से अधिक पनबिजली का इस्तेमाल करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा, 'चूंकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि भारत हमारी अतिरिक्त बिजली खरीदेगा, हमें देश में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करके और गैस हीटरों को इलेक्ट्रिक स्टोव से बदलकर पनबिजली की घरेलू खपत को बढ़ाना चाहिए.'
नेपाल के प्रधानमंत्री ने जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, 'हमारा देश इन दिनों जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से पीड़ित है क्योंकि हम सर्दियों के दौरान भी बाढ़ और भूस्खलन का सामना कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के लिए नेपाल को दक्षिण एशिया में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए.
नेपाल में भारत ने बनाए 50 हजार मकान
भारत ने सोमवार को घोषणा की कि उसने नेपाल के दो जिलों में 2015 में आये भूकंप से क्षतिग्रस्त हुए 50,000 मकानों के पुनर्निर्माण का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. दूतावास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय दूतावास ने राष्ट्रीय पुनर्निर्माण प्राधिकरण (एनआरए), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और परियोजना सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओपीएस) के सहयोग से गोरखा और नुवाकोट जिलों में मकानों का पुनर्निर्माण का काम सफलतापूर्वक पूरा होने के उपलक्ष्य में यहां एक कार्यक्रम का आयोजन किया.
भारतीय दूतावास उप प्रमुख नामग्या सी खम्पा ने घोषणा की कि भारत सरकार द्वारा प्रतिबद्ध 50,000 निजी मकानों के पुनर्निर्माण को नेपाल सरकार द्वारा अपनाये गए पुनर्निर्माण रुख के साथ पूरा किया गया है.
भारत सरकार ने मार्च 2018 में चार शहरी नगर पालिकाओं और जिलों की 14 ग्रामीण नगर पालिकाओं में भूकंप प्रभावित लाभार्थियों को सामाजिक-तकनीकी सुविधा और परामर्श (एसटीएफसी) सेवाएं प्रदान करने के लिए यूएनडीपी और यूएनओपीएस को शामिल किया था. भारत सरकार ने पुनर्निर्माण के वास्ते आवास क्षेत्र के लिए भूकंप बाद सहायता पैकेज के रूप में 15 करोड़ अमरीकी डालर की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी.

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