Nepal: प्रधानमंत्री दहल 'प्रचंड' ने संसद में विश्वास मत खो दिया

Update: 2024-07-12 12:34 GMT
Kathmandu काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ शुक्रवार को संसद में विश्वास मत हार गए, क्योंकि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने उनकी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया।69 वर्षीय प्रचंड को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा (HoR) में 63 वोट मिले। प्रस्ताव के खिलाफ 194 वोट पड़े।विश्वास मत जीतने के लिए कम से कम 138 वोटों की जरूरत होती है।25 दिसंबर, 2022 को पद संभालने के बाद से प्रचंड चार बार विश्वास मत हासिल कर चुके हैं।पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने सदन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ सत्ता-साझाकरण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद पिछले हफ्ते प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा पहले ही ओली को अगले प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन दे चुके हैं।नेपाली कांग्रेस के पास सदन में 89 सीटें हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीटें हैं। उनकी संयुक्त ताकत 167 है जो निचले सदन में बहुमत के लिए जरूरी 138 से कहीं ज्यादा है।
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