Nepal: हिन्दुओं के गांव का नाम बदल कर रखा ‘इस्लाम नगर’, भड़के हिन्दू युवक
Kathmanduकाठमांडू : नेपाल के रौतहट जिले में साम्प्रदायिक तनाव की घटना सामने आई है। यहां एक सप्ताह पहले मुस्लिमों ने एक गांव का नाम इस्लाम नगर रखकर इससे बोर्ड लगवा दिया। हिन्दुओं को इसका पता चला तो वे भड़क गए और इस बोर्ड को उखाड़ फेंका। इसके बाद मुस्लिमों ने हिन्दू समुदाय के कुछ युवाओं की पिटाई कर दी। इसकी जानकारी मिलते ही police मौके पर पहुंची। घटना 23 जून की बताई जा रही है। मामला रौतहट जिले के गरुडा नगरपालिका वॉर्ड नंबर 6 का है। यहाँ के गाँव पोठियाही में सप्ताह भर पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक चौराहे पर इस्लाम नगर का बोर्ड लगा दिया। यह बोर्ड बाकायदा हरे रंग में रंगा गया था।
बोर्ड के ऊपर अरबी और उर्दू भाषा में कई शब्द लिख दिए गए थे। बोर्ड के ऊपर दोनों तरफ इस्लामी इबादतगाहों की तस्वीरें भी छाप दी गई थीं। यहाँ पर खड़े होकर एक मुस्लिम बुजुर्ग ने एक सेल्फी भी ली थी, बाद में सोशल media पर वायरल हो गई। कहा जा रहा है कि स्थानीय मुस्लिम इस जगह को अपनी तरफ से इस्लाम नगर कह कर बुलाने भी लगे थे। घटना के दिन मौके पर पहुँचकर मुस्लिमों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हिंदू पक्ष ने नेपाल प्रशासन पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। नेपाल के संगठन ‘हिन्दू सम्राट सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश यादव ने बताया कि पोठियाही गाँव में मुस्लिमों के महज 10 घर हैं, जो कि गाँव की कुल आबादी का महज 4% है। इसके बावजूद इन्होंने पूरे पोठियाही गाँव के नाम को बदलने की साजिश रच डाली ।
23 जून को हिन्दू सम्राट सेना के सदस्यों ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर इस्लाम नगर वाले इस board को उखाड़ दिया। उन्होंने कहा कि उस दौरान मुस्लिम पक्ष के लोग खामोश रहे, लेकिन अंदर ही अंदर वो हिंसा फैलाने की साजिश रच रहे थे। 25 जून की रात को तीन हिन्दू युवक चौराहे से गुजर रहे थे। इस दौरान उनको लगभग एक दर्जन मुस्लिमों ने घेर लिया और उन पर इस्लाम नगर वाला बोर्ड उखाड़ने का आरोप लगाकर पहले गंदी-गंदी गालियाँ दी गईं और बाद में उनकी पिटाई कर दी । इस हमले में हिंदू समुदाय के युवक बुरी तरह घायल हो गए।
हिंसक भीड़ को चाँद दीवान, रफीक, सिराजुल और मंजूर आदि लोग लीड कर रहे थे। इस हमले की जानकारी मिलते ही आसपास के हिन्दू नाराज हो गए। हिन्दुओं ने एकजुट होकर इस हमले का विरोध किया। इस बीच मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर प्रशासनिक अधिकारी पहुँच गए। हिंदू पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने हमला करने वाले मुस्लिमों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इतना ही नहीं, उन मुस्लिम परिवारों को ही पुलिस ने बजाय सुरक्षा दे दी, जिन्होंने हमला किया था। नेपाल प्रशासन इस घटना को आपसी विवाद बताकर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है। police का कहना है कि मामले में कोई साम्प्रदायिक एंगल नहीं है।