नेपाल सरकार ने राम मंदिर के लिए भी 20 अरब रुपये किए आवंटित
'चुनाव के लिए जाना कभी भी प्रतिगामी कार्य नहीं हो सकता है।'
नेपाल में जारी राजनीतिक संकट के बीच वहां की सरकार द्वारा प्रस्तावित 1647.67 अरब रुपये के बजट में से शहर के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर की मरम्मत के लिए 35 करोड़ रुपए और अयोध्यापुरी में भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की है। वित्त मंत्री बिष्णु पौडयाल ने साथ ही कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेपाल आने वाले पर्यटकों के लिए एक महीने के वीजा शुल्क की छूट देने की भी घोषणा की।
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वित्त मंत्रालय ने चार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और अन्य घरेलू हवाई अड्डों के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण की खातिर 20 अरब रुपए की राशि आवंटित की।
पौडयाल ने यूनेस्को के विरासत स्थलों की सूची में शामिल पशुपतिनाथ मंदिर की मरम्मत के लिए 35 करोड़ रुपए आवंटित किए और साथ ही चितवन जिले के अयोध्यापुरी में भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए भी बजटीय आवंटन किया।
हालांकि राम मंदिर के लिए आवंटित धनराशि का खुलासा नहीं किया गया। नेपाल में 1647.67 अरब रुपए के बजट की घोषणा ऐसे समय में की गयी है जब देश एक राजनीतिक संकट से गुजर रहा है।
गौरतलब है कि नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने गत 22 मई को देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा को पांच महीने में दूसरी बार भंग कर दिया था और प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की सलाह पर 12 नवंबर और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी। ओली नेपाल में अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ओली ने राष्ट्रपति द्वारा प्रतिनिधि सभा को भंग किये जाने को उचित ठहराने की कोशिश करते हुए 28 मई को सभी राजनीतिक दलों से एक सर्वदलीय सरकार बनाने और नये चुनाव कराने का आग्रह किया। राष्ट्रपति द्वारा सदन को भंग किए जाने के एक सप्ताह बाद ओली ने टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, 'चुनाव के लिए जाना कभी भी प्रतिगामी कार्य नहीं हो सकता है।'