आलोचना के बीच नाटो ने लिया लोगों की निकासी में तेजी का संकल्प
अफगानिस्तान में पैदा गंभीर हालात के मद्देजनर पश्चिमी देशों की संकट से निपटने को लेकर हो रही आलोचना के बीच काबुल पर तालिबान
अफगानिस्तान में पैदा गंभीर हालात के मद्देजनर पश्चिमी देशों की संकट से निपटने को लेकर हो रही आलोचना के बीच काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से नाटो देशों ने 18,000 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाल लिया है।
नाटो के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पश्चिमी देशों ने निकासी की कोशिशों को एक बार फिर तेज करने का संकल्प दोहराया है, जबकि एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ बढ़ रही है।
अधिकारी ने पहचान उजागर करने से इनकार करते हुए बताया कि अफगानिस्तान में हजारों लोग अब भी देश से भागने को आतुर हैं। जबकि तालिबान ने बिना कानूनी दस्तावेजों के लोगों से घर जाने का आग्रह किया है।
इसका सीधा अर्थ है कि लोगों को तालिबान पर भरोसा नहीं है। इस बीच, तालिबान ने शुक्रवार की नमाज से पहले लोगों से एकता का आग्रह किया और इमामों से कहा कि वे हवाईअड्डे पर अराजकता और हिंसा के बीच लोगों को मनाएं।
नाटो और तालिबान के अधिकारियों ने कहा कि हवाईअड्डे और आसपास को छोड़कर काबुल काफी हद तक शांत है जहां रविवार से अब तक 12 लोग मारे जा चुके हैं। बता दें कि एक दिन पूर्व अफगानिस्तान के आजादी दिवस पर तालिबान का विरोध करते हुए पूर्वी शहर असदाबाद में कुछ लोग मारे गए थे। जलालाबाद और खोस्त में प्रदर्शन हुए।
नाटो व पश्चिमी देशों की आलोचना बढ़ी
अफगानिस्तान में पैदा संकट के बीच नाटो व अन्य पश्चिमी देशों की आलोचना बढ़ गई है। दुनिया भर में अराजकता और हताशा की तस्वीरें साझा हो रही हैं, इस कारण पश्चिमी देशों पर दबाव है कि वे जल्द से जल्द अपने नागरिकों को वहां से निकालें। ब्रिटिश मीडिया ने बताया कि उसके जासूस प्रमुखों को खुफिया नाकामी पर जवाब देना पड़ सकता है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक रॉब की इस मुद्दे पर काफी आलोचना हो रही है। इसी तरह जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया की सरकारों को भी काबुल से नागरिकों और कमजोर अफगानों की निकासी में तेजी लाने के लिए अपने देश में लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिका ने 7000 लोगों को किया एयरलिफ्ट
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने 14 अगस्त से 7,000 लोगों को एयरलिफ्ट किया है और जुलाई के अंत से 12,000 लोगों को निकाला है। अमेरिकी प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि काबुल हवाईअड्डे के आसपास 5,200 अमेरिकी सैनिक जमीन पर तैनात हैं। यहां अभी 6,000 लोग हैं, जिन्हें हमारी टीम द्वारा पूरी तरह से संसाधित किया गया है और जल्द ही वे विमानों में सवार होंगे।
संकट से निपटने के लिए एकजुट हो दुनिया : ब्रिटेन
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक रॉब ने एक बयान में कहा कि दुनिया को इस संकट से निपटने के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा, जी-7 के मंत्री अंतरराष्ट्रीय समुदाय से साथ आने की अपील करते हैं। इस संकट को बढ़ने से रोकने के लिए एक साझा अभियान की जरूरत है। ब्रिटेन इस वक्त जी-7 का अध्यक्ष है जिसमें अमेरिका, इटली, फ्रांस, जर्मनी, जापान और कनाडा अन्य सदस्य देश हैं।
युवा फुटबॉलर था विमान से गिरकर मरने वाला अफगानी
काबुल हवाईअड्डे से उड़े एक विमान से गिरकर मारा गए एक शख्स एक अफगान फुटबॉलर था। खेल संघ ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिकी विमान के साथ चिपके लोगों का जो वीडियो सोमवार को सामने आया था उसमें से गिरा एक व्यक्ति जकी अनवरी है जो युवा फुटबॉलर था।
अफगानिस्तान में खेल को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाली सरकारी संस्था जनरल डायरेक्टरेट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स ऑफ अफगानिस्तान ने सूचना दी है। संस्था ने अपने फेसबुक हजारों अन्य युवाओं की तरह अनवरी भी देश से जाना चाहता था लेकिन एक अमेरिकी विमान से गिर गया और उसकी मौत हो गई।