शनि के चांद टाइटन पर मिशन के लिए NASA की तैयारी, इन झीलों से मिलेगा ईंधन
NASA की खबर
चीन के Chang'e 5 स्पेसक्राफ्ट ने पिछले साल चांद से इकट्ठा किए गए चट्टानों के सैंपल धरती के लिए भेज दिए लेकिन मिशन अभी भी डीप स्पेस में अपना काम कर रहा है। दिसंबर में Chang'e 5 ने एक कैप्सूल धरती के लिए डिलिवर किय और फिर अंतरिक्ष में धरती से 15 करोड़ किलोमीटर दूर सूरज की ओर बढ़ गया। यह जिस जगह पर पहुंचा है उसे गुरुत्वाकर्षण के हिसाब से संतुलित माना जाता है। यहां से Chang'e 5 ने चांद और धरती की एक तस्वीर भेजी है।
Chang'e 5 इस वक्त कक्षा में रहकर धरती और सूरज से जुड़े एक्सपेरिमेंट कर रहा है जिनका इस्तेमाल भविष्य के मिशन्स में किया जाएगा। Chang'e 5 का मुख्य मिशन पूरा हो चुका है और अब वह अतिरिक्त काम कर रहा है। इसने एक तस्वीर भेजी है जिसमें धरती और चांद साथ दिख रहे हैं। धरती एक हल्की नीली रंग की गेंद सी दिख रही है और चांद एक डॉट की तरह। पीछे अंतरिक्ष का काला अंधेरा है।
Chang'e 5 से पहले रूस का लूना 24 मिशन 22 अगस्त 1976 को चांद की सतह पर उतरा था। तब लूना अपने साथ चांद से 200 ग्राम मिट्टी लेकर वापस लौटा था। चीन के दो मिशन चांद की सतह पर पहले से ही मौजूद हैं। इसमें चेंग-ई-3 नाम का स्पेसक्राफ्ट 2013 में चांद के सतह पर पहुंचा था। जबकि जनवरी 2019 में चेंग-ई-4 चांद की सतह पर लैंडर और यूटू-2 रोवर के साथ लैंड किया था।
चीन के अंतरिक्ष यान को चांद तक पहुंचाने के लिए लांग मार्च-5 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था। यह रॉकेट तरल केरोसिन और तरल ऑक्सीजन की मदद से चलता है। चीन का यह महाशक्तिशाली रॉकेट 187 फुट लंबा और 870 टन वजनी है।