नासा के परसिवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर आवाजों की रिकॉर्डिंग की, हेलीकॉप्टर और उड़ती धूल की आवाज

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का परसिवरेंस रोवर मंगल ग्रह की सतह पर उतरने के बाद से वहां की आवाज रिकॉर्ड कर रहा है

Update: 2021-10-19 13:12 GMT

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का परसिवरेंस रोवर मंगल ग्रह की सतह पर उतरने के बाद से वहां की आवाज रिकॉर्ड कर रहा है. उसने अपने पहियों की चहलकदमी, मंगल पर उड़ती धूल और इंजेन्युटी हेलीकॉप्टर की आवाज रिकॉर्ड की है (Mars Sound Recording). नासा का कहना है कि रोवर पर लगे माइक्रोफोन से रिकॉर्ड आवाजों को जब सुना जाता है, तो ऐसा लगता है कि हम मंगल पर ही मौजूद हैं. नासा ने इसका एक ऑडियो भी ट्विटर पर जारी किया है. जिससे आप भी इन आवाजों को सुन सकते हैं.

ये रोवर आठ महीने पहले फरवरी में जजेरो क्रेटर पर उतरा था. तभी से ये वहां ना केवल जीवन से जुड़े संकेतों की खोज कर रहा है, बल्कि एक से बढ़कर एक तस्वीरें और आवाज की रिकॉर्डिंग भी भेज रहा है. परसिवरेंस लाल ग्रह की आवाज को रिकॉर्ड करने वाला पहला क्राफ्ट है (Sound on Mars). इसके जरिए हम दूसरी दुनिया की हवा की आवाज सुनने सकते हैं. इसके साथ ही वहां के वातावरण की जानकारी भी मिल पा रही है. फ्रांस के शोधकर्ताओं का कहना है कि मंगल की आवाज का विश्लेषण करने से पता चला है कि इसमें 'मजबूत बास वाइब्रेशंस' हैं.
ऑडियो से नासा को क्या मदद मिलती है?
नासा ने ट्वीट कर बताया है, 'नासा के परसिवरेंस रोवर में 2 माइक्रोफोन लगे हैं, जो हमारे मंगल ग्रह की खोज करने के तरीके में एक नया आयाम जोड़ते हैं (Mars Sound by NASA). हवा के झोंकों से लेकर रोवर के पहियों के नीचे मंगल की मिट्टी के उखड़ने तक, जानिए इन रिकॉर्ड की गई आवाजों पर वैज्ञानिक और इंजीनियर क्या कहते हैं.' ऑडियो रिकॉर्डिंग से नासा के इंजीनियरों को रोवर और इंजेन्युटी हेलीकॉप्टर दोनों के इंजन, पहियों और इन्हें सामान्य तरीके से संचालित करने में मदद मिलती है. नासा के अनुसार, अब तक इन दो माइक्रोफोन से परसिवरेंस रोवर ने लगभग पांच घंटे का ऑडियो रिकॉर्ड किया है.
आवाजों से मिलता है बेहतर अनुभव
इसमें मंगल ग्रह के हवा के झोंके, धूल के ऊपर से टकराते हुए रोवर के पहिए और हवा में उड़ते इंजेन्युटी हेलीकॉप्टर की मोटर की आवाजें शामिल हैं (NASA Perseverance Rover). फ्रांस के ग्रह वैज्ञानिक बैप्टिस्ट चाइड के अनुसार, इन आवाजों से वैज्ञानिक और इंजीनियर नए तरीकों से लाल ग्रह का अनुभव कर पाते हैं. उन्होंने कहा, 'मंगल ग्रह की आवाजों में मजबूत बास वाइब्रेशन होता है, इसलिए जब आप हेडफोन लगाते हैं, तो आप वास्तव में इसे महसूस कर सकते हैं. मुझे लगता है कि भविष्य के मंगल और सौर मंडल विज्ञान के लिए माइक्रोफोन काफी महत्वपूर्ण होंगे.'


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