अंतरिक्ष से जुड़ी कुछ खबरें ऐसी होती हैं, जो सुनने में बेहद रोमांचक लगती हैं. जब भी कभी कहा जाता है कि कोई एस्टेरॉयड (Asteroid) धरती से टकराने वाला है, तो उसे लेकर लोगों में डर कम और उत्सुकता अधिक दिखाई देती है. लेकिन अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) एस्टेरॉयड्स से जुड़ी परेशानी का ही हल करने जा रही है. ये एक ऐसा मिशन है, जो किसी फिल्मी कहानी से भी कहीं बेहतर प्रतीत होता है. वैज्ञानिकों ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसकी मदद से एस्टेरॉयड्स को पृथ्वी की ओर आने से रोका जाएगा. इस प्रोजेक्ट का नाम डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test) यानी डार्ट रखा गया है.
इस प्रोजेक्ट पर जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी अपलाइड फिजिक्स लैब सहित नासा के कई सेंटर काम कर रहे हैं. अंतरिक्ष से जुड़ी इस विशेष तकनीक में 'काइनेटिक इम्पैक्टर' तकनीक भी शामिल है. जिसके जरिए अंतरिक्ष में एस्टेरॉयड की गति को बदला जाएगा. नासा ने अपनी वेबसाइट पर इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा है, 'डार्ट ग्रहों की रक्षा से जुड़ी तकनीकों का परीक्षण है, ताकि पृथ्वी को किसी खतरानक एस्टेरॉयड से पड़ने वाले प्रभाव से बचाया जा सके.' आसान भाषा में कहें, तो इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की ओर आ रहे खतरनाक एस्टेरॉयड की दिशा में परिवर्तन करना है.
एस्टेरॉयड से टकराएगा अंतरिक्षयान
इसके लिए नासा ने एक अंतरिक्षयान भी तैयार किया है. जो 6.6 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से आ रहे एस्टेरॉयड से टकराकर उसकी दिशा बदलेगा. ऐसा काफी छोटे स्तर पर होगा कि एस्टेरॉयड से ऑर्बिट की गति में परिवर्तन आए लेकिन ऐसा होने से एस्टेरॉयड को पृथ्वी की ओर आने से रोका जा सकता है (NASA DART Mission Launch Date). मिशन को इसी साल जुलाई महीने में लॉन्च करने की योजना है, इसे दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स के फालकन रॉकेट की मदद से लॉन्च किया जाएगा. इस मिशन में एस्टेरॉयड डिडिमोस (Didymos) और उसके छोटे मूनलेट ( Moonlet) को बाधित किया जाएगा.
पृथ्वी के पास से गुजारना उद्देश्य
ये दोनों ही एस्टेरॉयड बेशक धरती के लिए ज्यादा बड़ा खतरा नहीं माने जा रहे लेकिन डार्ट मिशन का उद्देश्य इन्हें पृथ्वी के पास से गुजारना है. सबसे पहले नासा का अंतरिक्षयान छोटे मूनलेट से टकराएगा और जैसे ही डिडिमोस सिस्टम हमारे ग्रह के 11 मिलियन किलोमीटर के दायरे में आएगा, तो टेलीस्कोप और रडार से उसका निरीक्षण किया जा सकेगा, जिससे ये पता लगाया जाएगा कि अंतरिक्षयान (NASA DART Mission Dart) ने उसके वेग (वेलॉसिटी) और ऑर्बिट पर क्या प्रभाव डाला है. वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि इस टक्कर से मूनलेट की गति में परिवर्तन होगा और इसी के साथ बड़े एस्टेरॉयड के चारों ओर ऑर्बिट पीरियड में कई मिनट तक का बदलाव भी दिखेगा.
इस तरह का पहला टेस्ट
डार्ट की इन्वेस्टिगेशन टीम का हिस्सा और एपीएल एस्ट्रोनॉमर एंटी विनकिन ने एक मीडिया प्लैटफॉर्म से बात करते हुए कहा है, 'अभी तक हमारे पास अधिक विकल्प नहीं हैं कि अगर कोई चीज धरती की ओर आ रही है (NASA DART Mission in Hindi) तो हमें क्या करना चाहिए. ऐसे में डार्ट ही वो पहला टेस्ट है, जिसमें हम बिना न्यूक्लियर पैकेज का सहारा लिए, अपने बेसमेंट में बैठे हुए, इंतजार करते हुए और अपनी उंगलियों को क्रॉस करते हुए किसी चीज का बचाव कर सकते हैं.' हालांकि इससे पहले वैज्ञानिक कह चुके हैं कि न्यूक्लियर हथियारों से एस्टेरॉयड को धरती पर आने से रोका जा सकता है लेकिन ये ज्यादा अच्छा विचार नहीं है.