NASA अंतरिक्ष में भी करेगा खेती, इस तरीके से उगाएगा पौधे
इसमें पहला तरीका पारंपरिक है, जिसमें मिट्टी का इस्तेमाल होगा और मिट्टी में ही पानी डाला जाएगा.
जब भी हम अंतरिक्ष में यात्रा करने की बात करते हैं, तो जो पहली बात जहन में आती है, वह खाने से संबंधित होती है. ऐसी यात्रा पर जाते समय अंतरिक्षयात्री अपने साथ सूखा खाना लेकर जाते हैं (Space Farming Concept). चूंकी अंतरिक्ष में महीनों तक रहना होता है तो खाना भी बड़ी तादाद में ले जाना पड़ता है, जिससे अंतरिक्षयान का वजन बढ़ जाता है. जो जानवर या पौधे धरती पर पाए जाते हैं, उनका अंतरिक्ष पर नामोनिशान तक नहीं है. अब इसी समस्या को सुलझाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अंतरिक्ष में खेती करने का फैसला लिया है.
नासा धरती जैसा वातावरण नहीं होने के बावजूद अंतरिक्ष में ही खेती करने वाला है. अंतरिक्ष एजेंसी ने पौधों को पानी और हवा देने का प्रभावी तरीका भी लगभग पता लगा लिया है, जिससे इन्हें बढ़ने में मदद मिलेगी. नासा के ग्लेंस प्लांट वॉटर मैनेजमेंट (पीडब्ल्यूएम) प्रोजेक्ट के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) पर पौधे उगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसे लेकर एक शोध भी किया जा रहा है. नासा की एक प्रेस रिलीज में पीडब्ल्यूएम प्रोग्राम के वैज्ञानिक टेलर हैच ने कहा है, 'अतीत में नासा के शोध में पता चला है कि अंतरिक्ष में पौधों का विकास एक खाद्य स्त्रोत के रूप में काफी फायदेमंद होगा.'
ग्रैविटी का ना होना बड़ी परेशानी
हालांकि यहां पौधे उगाना उतना भी आसान नहीं है, जितना समझा जा रहा है. टेलर के मुताबिक, यह फिलहाल बागवानी के नजरिए से ही संभव है. लेकिन सबसे बड़ी परेशानी ग्रैविटी का ना होना है, जिसके चलते पौधे की जड़ें जिस तरह से धरती पर बढ़ती हैं, उस तरह से अंतरिक्ष में नहीं बढ़ पाएंगी (Challenges of Space Farming). इसके साथ ही पौधों तक हवा और पानी पहुंचाना भी एक चुनौती होगी. इस समय टेलर हैच की टीम पौधे को पानी देने के लिए ऐसे दो तरीकों पर काम कर रही है, जो धरती जैसा वातावरण नहीं होने पर भी काम करेंगे. इसमें पहला तरीका पारंपरिक है, जिसमें मिट्टी का इस्तेमाल होगा और मिट्टी में ही पानी डाला जाएगा.