टेलिस्कोप से नासा को नहीं मिल रहा पिछले 5 दिनों से सिग्नल, जानें- क्यों हबल ने काम करना अचानक बंद किया
बीते 30 वर्षों से अंतरिक्ष में रहकर कई अहम जानकारियां जुटाने और खोज करने वाले हबल टेलिस्कोप ने काम करना अचानक बंद कर दिया है।
बीते 30 वर्षों से अंतरिक्ष में रहकर कई अहम जानकारियां जुटाने और खोज करने वाले हबल टेलिस्कोप ने काम करना अचानक बंद कर दिया है। इसकी वजह 1980 के दशक के एक कंप्यूटर में आई खराबी बताई जा रही है। नासा की तरफ से कहा गया है कि वैज्ञानिक लगातार इस खामी को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं। नासा के मुताबिक इसमें लगा पेलोड कंप्यूटर 13 जून शाम 4 बजे करीब अचानक बंद हो गया।
बुधवार को इसकी खामी को दूर करने में जुटी वैज्ञानिकों की टीम ने एक कोशिश के तहत इसके बैकअप मॉडयूनल को बंद करने कोशिश की थी। यदि ऐसा हो पाएगा तो खामी का पता लगाने के लिए इसके अन्य सिस्टम को कम से कम एक दिन चालू रखना ही होगा। इसके बाद ही वैज्ञानिक इसके सभी साइंस इक्यूपमेंट को दोबारा ऑन करके देखेंगे और टेलिस्कॉप भी काम कर सकेगा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक जिस सिस्टम में खराबी आई है उसके ही जरिए हबल में लगे उपकरणों को कंट्रोल किया जाता है।
गौरतलब है कि पेलोड कंप्यूटर का काम टेलिस्कोप में लगे साइंस इस्ट्रूमेंट्स और स्पेसक्राफ्ट के बीच तालमेल बिठाना भी होता है। रविवार को इस सिस्टम के बंद होने के साथ ही इसमें लगे मेन कंप्यूटर ने भी सिग्नल देना बंद कर दिया है। ये सिग्नल इस बात का सुबूत है कि सब ठीक है। इसको दो इंसानों के बीच हाथ मिलाने की तरह ही ले सकते हैं तो सब कुछ ठीक होने का सुबूत होती है। कंप्यूटर में आई दिक्कत के तुरंत बाद ही इसके सारे उपकरण सेफमोड में चले गए हैं। हबल टेलिस्कोप के कंप्यूटर को नासा के मेरीलैंड स्थित स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिकों ने सोमवार को शुरू करने की एक कोशिश की थी लेकिन कुछ समय के बाद ही इसमें पहले की ही तरह दिक्कत हो गई। करने की कोशिश की लेकिन फिर वही चीज दोबारा हो गई।
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आपको बता दें कि हबल टेलिस्कॉप को अंतरिक्ष में दुनिया की आंख कहा जाता है। 33 हजार करोड़ के इस टेलिस्कोप को वर्ष 1990 में पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया था। हबल सिस्टम में आई खराबी की वजह से फिलहाल इस दूरबीन से धरती की तस्वीरें लेना बंद हो गया है। इस टेलिस्कॉप को नासा ने यूरोपीय स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर तैयार किया था। इस टेलिस्कोप का पूरा सिस्टम वर्ष 2009 में बदला गया था। नासा के मुताबिक इसके कंप्यूटर में लगे 4 मेमोरी मॉड्यूल में से केवल एक की ही जरूरत होती है। इसमें आने वाली दिक्कतों को देखते हुए ही नासा अब 10 अरब डॉलर के जेम्स वेब टेलिस्कोप लॉन्च करने पर विचार कर रहा है।