चीन के मिशन चंद्रमा को लेकर नासा ने दी कड़ी चेतावनी, चंद्रमा पर करना चाहता है 'कब्जा'
चीन से निपटने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ भी जोरदार तैयारी में जुटे हुए हैं। नासा अर्तेमिस मिशन को लॉन्च करने जा रही है।
वॉशिंगटन: दक्षिण चीन सागर से लेकर लद्दाख तक दादागिरी दिखा रहे चीन के अंतरिक्ष में बढ़ते मंसूबे पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख ने चेतावनी दी है। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा है कि चीन संभवत: चंद्रमा पर 'कब्जा' करना चाहता है जो उसके सैन्य अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा है। नेल्सन ने कहा कि अमेरिका अब एक नई अंतरिक्ष रेस से निपट रहा है जो इस बार चीन के साथ है। इससे पहले अमेरिका की सोवियत संघ के साथ अंतरिक्ष में होड़ हुई थी जो यूएसएसआर के विघटन के बाद समाप्त हुई।
नासा के प्रशासक ने जोर देकर कहा कि चीन साल 2035 तक चंद्रमा पर अपने स्टेशन का काम पूरा कर सकता है और इसके एक साल बाद अपने प्रयोग शुरू कर सकता है। नेल्सन ने दावा किया कि हमें निश्चित रूप से चीन के चंद्रमा पर उतरने, उसे चीन का घोषित किए जाने और दुनिया के अन्य देशों को उससे दूर रहने के ऐलान को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम एक सैन्य स्पेस प्रोग्राम है। नेल्सन ने यह भी बताया कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को लेकर प्रतिस्पर्द्धा बहुत ज्यादा है।
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पानी के भंडार पर नजर!
नासा प्रशासक ने कहा कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पानी के भंडार हो सकते हैं जिसका इस्तेमाल भविष्य में रॉकेट ईंधन के निर्माण में किया जा सकता है। जब उनसे पूछा गया कि चीन का अंतरिक्ष में सैन्य लक्ष्य क्या है, इस पर नेल्सन ने जोर देकर कहा कि चीनी अंतरिक्ष यात्री स्पेस में यह सीखने में व्यस्त हैं कि किस तरह से दूसरे देशों के सैटलाइट को नष्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि चीन भले ही दावा करता है कि उसका स्पेस प्रोग्राम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, हकीकत में यह ऐसा नहीं है।
नेल्सन लंबे समय चीन की अंतरिक्ष नीति को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। इससे पहले अप्रैल महीने में नेल्सन ने कहा था कि चीनी अधिकारी अमेरिका के साथ अपने अभियान को लेकर सहयोग करने से इंकार कर रहे हैं। साथ ही गोपनीय सूचनाओं को छिपा रहे हैं। इससे पहले उन्होंने माना था कि नासा एक कानून का पालन करती है जो उसे सीधे तौर पर चीन सरकार या उससे जुड़े किसी संगठन से सहयोग करने से रोकती है। नासा को इसके लिए अमेरिकी संसद और अधिकारियों से मंजूरी लेनी होती है। चीन ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। चीन से निपटने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ भी जोरदार तैयारी में जुटे हुए हैं। नासा अर्तेमिस मिशन को लॉन्च करने जा रही है।