नासा ने टेस्ट किया रद्द, रॉकेट लॉन्च में सिर्फ 29 सेकेंड का समय बचा था, आइए जाने अचानक क्या हुआ

इसका उद्देश्य चंद्रमा पर पहली महिला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाना और एक स्थायी बेस तैयार करना है।

Update: 2022-06-24 08:11 GMT

वाशिंगटन : अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इतिहास को दोहराने का प्रयास कर रही है। अंतरिक्ष एजेंसी एक बार फिर इंसानों को चांद की सतह पर भेजने की तैयारी कर रही है। मिशन की तैयारियों से जुड़ा एक बेहद महत्वपूर्ण टेस्ट पिछले दिनों होते-होते रह गया। नासा ने बीते दिनों एक बेहद अहम टेस्ट को रद्द कर दिया जो इंसानों को चंद्रमा पर ले जाने में महत्वपूर्ण था। नासा ने यह टेस्ट तब रद्द किया जब रॉकेट लॉन्च में सिर्फ 29 सेकेंड का समय बचा था। लेकिन ऐसा क्यों हुआ, आइए जानते हैं...

नासा के अनुसार रॉकेट के भीतर एक हाइड्रोजन लीक इस लॉन्च को अचानक रोकने का प्रमुख कारण था। लगातार चौथी बार 'मेगा मून रॉकेट' का मिशन रद्द किया गया है जिसे आधिकारिक तौर पर 'स्पेस लॉन्च सिस्टम' भी कहा जाता है। हालांकि असफल प्रयास के बावजूद नासा ने इसे सफल करार दिया है क्योंकि इंजीनियरों ने पहली बार लॉन्च से जुड़े उद्देश्यों को पहले ही पूरा कर लिया था।
असफल प्रयासों से वैज्ञानिकों को मिली मदद


यह उन आखिर टेस्ट में से एक था जिसे चंद्रमा पर अपनी पहली उड़ान भरने से पहले रॉकेट को पास करना जरूरी है। इससे पहले के तीन अभ्यास रॉकेट में ईंधन भरने के बाद रोक दिए गए थे। हालांकि असफल प्रयासों से वैज्ञानिकों को खराब वॉल्व, खराब पंखों और लीकेज जैसी खामियों के बारे में पता चला है। इसकी वजह से क्रू को एसएलएस को मरम्मत के लिए लॉन्च पैड से हटाना पड़ा था। आर्टेमिस मिशन के लॉन्च डायरेक्टर चार्ली ब्लैकवेल थॉम्पसन ने कहा, 'मैं बताना चाहता हूं कि हमारे ज्यादा उद्देश्य पूरे हुए हैं।'
नासा का सबसे शक्तिशाली रॉकेट SLS
हालांकि नासा ने अभी इसका खुलासा नहीं किया है कि अभी किन कमियों पर काम किया जाना बाकी है। थॉम्पसन ने कहा कि टीम यह तय करेगी कि लॉन्चपैड पर मरम्मत का काम किया जा सकता है या नहीं और क्या उन्हें 322 फुट के रॉकेट को अपनी लैब में वापस लाने की जरूरत है। लाइव साइंस के मुताबिक एसएलएस नासा का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। इसका उद्देश्य चंद्रमा पर पहली महिला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाना और एक स्थायी बेस तैयार करना है।


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