नई दिल्ली: भारत में दशकों से गायब चीता प्रजाति को फिर वापस लाने के लिए नामीबिया से आठ चीते मंगवाए जा रहे हैं. भारत भेजे जाने वाले सभी चीतों को पकड़ कर क्वारंटीन कर दिया गया है. इन चीतों में तीन ऐसे हैं जिन्हें भारत लेने से इनकार कर रहा है. भारत ने कहा कि ये चीते अब शिकार करने लायक नहीं रहे. भारत का दावा है कि ये चीते कैप्टिव ब्रीड के हैं यानी इन्हें कैद में ही बड़ा किया गया है. ऐसे में भारत के इस दावे पर अब नामीबिया ने अपना रिएक्शन दिया है.
नामीबिया ने इस दावे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वे भारत की ओर से रिजेक्ट चीतों की जगह दूसरे चीते पकड़कर नहीं देंगे. नामीबिया सरकार के एक प्रवक्ता ने भारत के दावे को खारिज करते हुए कहा कि भारत की ओर से रिजेक्ट किए जा चुके चीते कैप्टिव ब्रीड के नहीं हैं.
नामीबिया के पर्यावरण और वन मंत्रालय के प्रवक्ता रोमियो मुयुंडा ने अंग्रेजी वेबसाइट इंडिपेंडेंट से बात करते हुए कहा कि हमारी ओर से अब और चीते भारत के 'प्रोजेक्ट चीता' के लिए नहीं दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमारे देश में भी इनकी संख्या सीमित है.
वहीं भारत के दावे पर नामीबिया मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत की ओर से चीतों को लेकर किए गए दावों को हम खारिज करते हैं. उन्होंने कहा कि चीता ऐसा जानवर नहीं है, जिसे कैद में रखा जा सके. उन्होंने कहा कि जब चीते छोटे और शिकार करना सीख रहे होते हैं, उन्हें उस समय बाड़े में रखा जाता है.
नामीबिया के पर्यावरण और वन मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि भारत की ओर से जिन तीन चीतों को रिजेक्ट कर दिया गया है, उनके बदले दूसरे चीतों को देने की हमारी कोई इच्छा नहीं है. साथ ही प्रवक्ता ने तीन चीतों के रिजेक्शन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ही उन चीतों को चुना था और बाद में रिजेक्ट कर दिया.
मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत ने इन चीतों को अस्वीकार किया है. सरकार में होने के नाते, हमे भारत के लिए भेजे जाने वाले चीतों के चुनाव में शामिल नहीं थे. चीतों के चयन में भारत सरकार और एक एनजीओ 'चीता कंजर्वेशन फंड ऑफ नामीबिया' शामिल था.
नामीबिया से जो चीते भारत भेजे जाएंगे, उन्हें अभी क्वारंटीन रखा गया है. क्वारंटीन पीरियड खत्म होते ही उन्हें भारत के मध्य प्रदेश स्थित कूनो वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में भेज दिया जाएगा. वहीं एक स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, जो चीते भारत की ओर से रिजेक्ट किए गए हैं, उन्हें अभी देखरेख के लिए नामीबिया के जंगलों में ही भेज दिया जाएगा.
भारत की ओर से नामीबिया से आ रहे चीतों के लिए काफी ज्यादा सावधानी बरती जा रही है. भारत सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि चीतों को भारत लाने की प्रक्रिया में किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं है. वहीं एमपी के वन मंत्री विजय शाह ने इस बारे में कहा कि भारत सरकार किसी भी तरह नवंबर के पहले सप्ताह तक ही चीतों को भारत लाने की कोशिश कर रही है.