नजीब रजाक को 12 साल जेल की सजा सुनाई, जाने पूरा मामला
अजहर ने अपने एक बयान में कहा, 'याचिका खारिज होने की अवस्था में नजीब की संसद में सदस्यता रद्द होगी।'
मलेशिया (Malaysia) के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक (Najib Razak) को शीर्ष अदालत ने 1MDB सरकारी निवेश कोष से गबन करने से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में 12 साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत के इस फैसले के महज दो हफ्ते से भी कम समय के भीतर पूर्व पीएम ने 'शाही माफी' के लिए आवेदन किया है। यहां संसद के स्पीकर ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मालूम हो कि नजीब ने दोषसिद्धि के खिलाफ अंतिम अपील (Final Plea) दायर की थी, जिसमें 23 अगस्त को सुनवाई हुई और इस दौरान उनकी 12 साल जेल की सजा को बरकरार रखा। साथ ही 49.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया गया।
अदालत ने नजीब की सजा को ठहराया सही
नजीब रजाक की अंतिम अपील पर सुनवाई के लिए गठित अदालत की पांच सदस्यीय टीम ने कहा कि उन्होंने सर्वसम्मति से पाया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने पहले सही फैसला सुनाया था और नजीब की अपील में उन्हें दोषमुक्त साबित करने जैसा कुछ भी नहीं था। इसी के साथ अदालत ने नजीब की सजा को सही ठहराया।
क्या कहता है मलेशिया का संविधान
मलेशिया के संविधान के अनुसार, अगर किसी विधायक को एक साल या उससे अधिक की सजा होती है तो संसद में उसकी सदस्यता अपने आप ही खत्म हो जाती है। ऐसा होने से तभी बचा जा सकता है जब वह सजा होने के 14 दिनों के भीतर राजा के पास माफी के लिए आवेदन करता है।
Parliament Speaker अजहर अज़ीज़ान हारून (Azhar Azizan Harun) ने सोमवार को कहा नजीब तब तक विधायक बने रहेंगे जब तक कि उनकी क्षमादान की याचिका पर फैसला ले नहीं लिया जाता है। बता दें कि उन्होंने शुक्रवार को याचिका दायर की थी। अजहर ने अपने एक बयान में कहा, 'याचिका खारिज होने की अवस्था में नजीब की संसद में सदस्यता रद्द होगी।'
राजा केे नेतृत्व में होगी याचिका की समीक्षा
उम्मीद जताई जा रही है कि मलेशिया के राजा की अध्यक्षता में क्षमा बोर्ड द्वारा इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी। इसके तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर भी विचार किया जा सकता है।
मालूम हो कि साल 2009 में सत्ता में आने के बाद नजीब ने 1MDB कंपनी की स्थापना की थी। यह एक सरकारी कंपनी थी जिसका स्वामित्व वित्त मंत्रालय के पास था। नजीब पर सरकारी निवेश कोष 1मलेशिया डेवलपमेंट बर्हाड (1MDB) से 4.5 अरब डॉलर ( करीब 32 हजार करोड़ रुपये) गबन करने का आरोप है।