म्यांमार: सैन्य सरकार के विरोधियों ने अंतरिम संविधान की घोषणा की
म्यांमार में सैन्य सरकार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नेपिता, म्यांमार में सैन्य सरकार के विरोधियों ने देश के 2008 के संविधान को अमान्य घोषित करते हुए बुधवार देर रात इसके स्थान पर एक अंतरिम संविधान पेश किया। यह कदम व्यावहारिक नहीं बल्कि सांकेतिक है। तख्तापलट के बाद भूमिगत हुए निर्वाचित सांसदों द्वारा स्थापित स्वयंभू वैकल्पिक सरकार कमेटी रिप्रेजेंटिंग प्रयिदौग्सु ह्लुत्ताव (सीआरपीएच) ने सोशल मीडिया पर इन कदमों की घोषणा की।
यह है मकसद
इसका मकसद म्यांमा में सैन्य तानाशाही के लंबे इतिहास को खत्म करने के साथ ही अपने क्षेत्र में वृहद स्वायत्तता के लिए असंख्य जातीय अल्पसंख्यक समूहों की दीर्घकालीन मांगों को पूरा करना है। वर्ष 2008 में लागू संविधान में यह व्यवस्था है कि सत्ता में सेना का प्रभुत्व बना रहे।
जुंटा ने घोषित किया है देशद्रोही
सीआरपीएच ने उसे म्यांमार की एकमात्र वैध सरकार के तौर पर मान्यता दिए जाने की मांग की है। विदेशी सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने उसे अभी औपचारिक दर्जा नहीं दिया है लेकिन कुछ इसे सरकार का एक पक्ष मानते हैं जिससे कम से कम चर्चा तो की जानी चाहिए। जुंटा ने इसे देशद्रोही घोषित किया है।
अमेरिका बोला- अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे चीन
अमेरिका ने चीन से आग्रह किया है कि वह म्यांमार में तख्तापलट के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे। उधर, पश्चिमी देशों ने तख्तापलट की निंदा की है। म्यांमार की स्थिति को चीन बहुत सतर्क है। बुधवार को विदेश मंत्री वांग यी ने सिंगापुर के अपने समकक्ष के साथ बैठक के दौरान यथास्थिति कायम रखने का आह्वान किया। वांग ने कहा कि आसियान द्वारा उठाए गए कदमों का बीजिंग ने हमेशा स्वागत और समर्थन किया है।