म्यांमार सेना ने लॉन्च किया Operation Sunrise-3, की जाएगी ये साजिश नाकाम

भारत-म्यांमार सीमा पर सक्रिय विद्रोही समूहों पर नकेल कसने के लिए म्यांमार सेना |

Update: 2020-10-26 11:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| Myanmar army, launch, Operation Sunrise-3, conspiracy foiled,म्यांमार सेना (Myanmar Army) ने ऑपरेशन सनराइज-3 (Operation Sunrise-3) लॉन्च(Indo-Myanmar border) पर सक्रिय विद्रोही समूहों पर नकेल कसने के लिए म्यांमार सेना (Myanmar Army) ने ऑपरेशन सनराइज-3 (Operation Sunrise-3) लॉन्च किया है. जी न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में पहले ही खुलासा किया था कि युंग आंग के नेतृत्व वाली नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-खापलांग (NSCN-K) म्यांमार के अंदर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है. विभिन्न NSCN समूह भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने की साजिश रच रहे हैं. ऑपरेशन सनराइज-3 के जरिए ये साजिश नाकाम की जाएगी.

सेना प्रमुख के दौरे के दौरान बना प्लान

भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने (Indian Army Chief General Manoj Mukund Naravane) इस महीने म्यांमार की दो दिवसीय यात्रा पर रहे. इस दौरान दोनों देशों के बीच पूर्वोत्तर क्षेत्रों और म्यांमार में एक्टिव विद्रोही समूहों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के बारे में बातचीत हुई. एक भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि म्यांमार के सैगिंग क्षेत्र (Sagaing region) में विभिन्न स्थानों पर NSCN-K और अन्य समूहों की तलाश में विशेष म्यांमार सेना इकाइयां तलाशी अभियान चलाने में लगी हुई हैं. म्यांमार सेना मणिपुर नदी के पूर्वी हिस्से की ओर भी अभियान चला रही हैं.

मिजोरम बॉर्डर के जरिए घुसपैठ की साजिश

आशंका है कि भारत-म्यांमार सीमा के जरिए विद्रोही समूह मिजोरम बॉर्डर के माध्यम से भारत में घुसपैठ करने की साजिश रच रहे हैं. पिछले साल, म्यांमार और भारतीय सेना ने 17 फरवरी और 2 मार्च के बीच 'ऑपरेशन सनराइज -1' के पहले चरण को अंजाम दिया था और 16 मई को 'ऑपरेशन सनराइज 2' नाम से एक और ऑपरेशन चला. इस दौरान भारत-म्यांमार सीमा पर कई विद्रोही समूहों के शिविरों को नष्ट किया गया. हालांकि, 'ऑपरेशन सनराइज 2' के दूसरे चरण में म्यांमार सेना को भी नुकसान हुआ था म्यांमार सेना के करीब 13 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी.

अराकान सेना बन रही कलादान के लिए खतरा

दोनों सेनाओं के संयुक्त अभियान के बावजूद, विद्रोही समूह अराकान सेना मिजोरम के लोंग्थलाई जिले के कई इलाकों में शिविर लगाए हुए है, जो कलादान परियोजना के लिए खतरा हैं. कलादान मल्टी-मॉडल परिवहन परियोजना को भारत के दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जा रहा है. भारत ने इस परियोजना के लिए अप्रैल 2008 में म्यांमार के साथ एक समझौता किया था. इसके जरिए मिज़ोरम को म्यांमार के राखीन सीतवे पोर्ट से जोड़ा जाएगा.

म्यांमार के साथ भारत की सीमा पर नज़र रखने वाले अधिकारियों के अनुसार अरकान सेना ने भारत-म्यांमार सीमा पर कई शिविर स्थापित किए हैं. भारतीय एजेंसियां लगातार भारत-म्यांमार सीमा पर होने वाले घटनाक्रमों की निगरानी कर रही हैं. 2018 तक म्यांमार में उत्तर-पूर्व के 50 से अधिक विद्रोही शिविर थे.

युवाओं को कर रहे भर्ती

म्यांमार की सेना ने इस साल मई में भारत सरकार को असम और पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय 22 विद्रोहियों को सौंपा था. मणिपुर और असम में लंबे समय से वांछित विद्रोहियों को एक विशेष विमान से लाया गया. यह पहला मौका था जब म्यांमार सरकार ने पूर्वोत्तर के विद्रोही समूहों के लीडर भारत को सौंपे. पूर्वोत्तर राज्यों और भारत-म्यांमार सीमा पर सक्रिय विद्रोही समूह COVID-19 महामारी के प्रकोप के कारण बड़े पैमाने पर आई बेरोजगारी का लाभ उठाने कोशिश में हैं. वह लगातार अपने संगठनों में युवाओं की भर्ती करने की साजिश रच रहे हैं.

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