प्रदर्शनकारियो के खिलाफ म्यांमार की सेना हुई सख्त

म्यांमार में कोर्ट की अनुमति पर ही छापेमारी और गिरफ्तारी का कानून निलंबित करने के बाद सैन्य प्रशासन अब विरोध प्रदर्शनों के दमन पर उतर आया है।

Update: 2021-02-15 18:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। म्यांमार में कोर्ट की अनुमति पर ही छापेमारी और गिरफ्तारी का कानून निलंबित करने के बाद सैन्य प्रशासन अब विरोध प्रदर्शनों के दमन पर उतर आया है। सोमवार को देश में कई जगह प्रदर्शनकारियों पर रबर बुलेट चलाई गईं और लाठीचार्ज किया गया। कुछ लोगों को गिरफ्तार किए जाने की भी सूचना है।

देश के दूसरे बड़े शहर मांडले में म्यांमार इकोनोमिक बैंक के सामने सैन्य शासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक हजार से ज्यादा लोगों पर कार्रवाई के लिए करीब दस ट्रकों में सुरक्षाकर्मी पहुंचे। उन्होंने ट्रक से उतरते ही लोगों पर रबर बुलेट बरसानी शुरू कर दीं। सैनिकों और पुलिसकर्मियों के दल ने लोगों पर डंडे भी बरसाए। इस दौरान भय फैलाने के लिए सुरक्षाकर्मियों द्वारा हवाई फायरिंग करने की भी बात कुछ लोगों ने कही है। सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई में कई लोग घायल हुए हैं।राजधानी नेपीता में उस पुलिस थाने के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया जहां पर सरकार विरोधी प्रदर्शन करते हाईस्कूल के छात्रों को हिरासत में रखा गया था। पकड़े गए छात्रों के बीच से निकलकर भाग आए एक छात्र ने मीडिया को बताया कि 13 से 16 वर्ष की आयु के छात्र-छात्रा शांतिपूर्ण ढंग से सैन्य शासन का विरोध कर रहे थे। तभी अचानक पहुंची पुलिस ने उन्हें घेरकर गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि करीब 40 छात्र पुलिस हिरासत में हैं। सैन्य शासन के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन जारी हैं। मौजूदा सरकार ने देश की इंटरनेट सेवाओं को बंद कर रखा है लेकिन उससे आंदोलन पर फर्क नहीं पड़ रहा है।इससे पहले सोमवार को सैन्य प्रशासक मंडल जुंटा ने अपदस्थ नेता आंग सान सूकी की हिरासत को और बढ़ाने का फैसला लिया। उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि सोमवार की शाम को पूरी हो रही थी। उनकी हिरासत की अवधि 17 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। उन्हें एक फरवरी को हुए तख्तापलट के दौरान गिरफ्तार किया गया था।


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