सैन्य सरकार के खिलाफ बोलने पर म्यांमार के राजदूत को चुकानी पड़ी इतनी बड़ी कीमत, नहीं दिया दफ्तर में घुसने
581 प्रदर्शनकारियों और राहगीरों की मौत हुई है.
ब्रिटेन (Britain) में म्यांमार (Myanmar) के राजदूत, जिन्होंने देश में सैन्य तख्तापलट (Coup) की आलोचना की है, का कहना है कि उनके सहयोगियों ने उन्हें लंदन (London) स्थित ऑफिस से बाहर कर दिया. कव्वा ज़्वर मिन ने कहा कि उन्हें बुधवार शाम को सैन्य शासन (Military Rule) के प्रति वफादार राजनयिकों ने दूतावास (Embassy) में घुसने से रोक दिया गया.
राजदूत ने इस कदम को 'बगावत' करार दिया है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि ब्रिटेन ने इस मामले में कोई कदम उठाया है या नहीं. पिछले महीने राजदूत ने म्यांमार के लोकतांत्रिक नेता आंग सान सू की की रिहाई की मांग की थी, जिन्हें 1 फरवरी को सेना ने तख्तापलट करते हुए सत्ता से हटा दिया था.
सैन्य सरकार ने दिए निर्देश
राजदूत ने डेली टेलीग्राफ को बताया कि वे मुझे अंदर जाने से मना कर रहे हैं. वो कह रहे हैं कि उन्हें राजधानी से निर्देश मिले हैं इसलिए वो मुझे अंदर नहीं जाने दे रहे हैं. ब्रिटेन के विदेश सचिव डोमिनिक राब ने गुरुवार को म्यांमार सैन्य शासन की इस कार्रवाई की निंदा की और राजदूत के साहस की प्रशंसा की.
म्यांमार में तख्तापलट के बाद से ही लगातार सैन्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिनमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. सुरक्षा बलों ने उत्तरपश्चिमी म्यांमार में एक नगर पर बुधवार को हमला किया जहां कुछ निवासियों ने सेना द्वारा तख्तापलट के जरिए सत्ता हासिल किए जाने का विरोध करने के लिए घरों में बनी, शिकार में प्रयुक्त होने वाली राइफलों का प्रयोग किया था. स्थानीय समाचारों में बताया गया कि इस हमले में कम से कम सात नागरिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
सेना का दमन जारी
समाचार वेबसाइट 'खोनमथंग बर्मीज' ने कहा कि कलय पर हमला सुबह से पहले किया गया. घटनास्थल के वीडियो में राइफल की गोलियों, उच्च क्षमता वाले हथियारों की आवाजें और हथगोलों के विस्फोट सुने जा सकते हैं. सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में कहा गया कि हमले में रॉकेट से दागे जाने वाले हथगोलों का प्रयोग किया गया लेकिन इस संबंध में कोई साक्ष्य नहीं दिया.
समाचार साइट ने कहा कि सात लोगों की मौत होने के साथ ही कई लोग घायल हो गए तथा नगर में कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. नगर की आधी से अधिक आबादी चिन नस्ली समुदाय के सदस्य हैं. असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के मुताबिक आंग सांग सू की की निर्वाचित सरकार के एक फरवरी के तख्तापलट के बाद से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में कम से कम 581 प्रदर्शनकारियों और राहगीरों की मौत हुई है.