लाहौर: पाकिस्तान में जोरदार आत्मघाती बम धमाका हुआ है। इस हमले में मरने वालों की संख्या 44 तक पहुंच गई है। मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। बम धमाकों के बाद चारों ओर चीत्कार और शवों के चीथड़े दिखाई दे रहे थे। पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, कल खैबर पख्तूनख्वा (केपी) बाजौर जिले में जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में एक आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 44 लोग मारे गए, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए।
कैसे दिखा तबाही का मंजर?
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर इलाके में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) की बैठक हो रही थी। इस बैठक में शामिल होने के लिए कई कार्यकर्ता आए हुए थे। मंच से पार्टी के नेता का भाषण हो रहा था। इसी के साथ, भीड़ अपने नेता के जिंदाबाद के नारे लगा रही थी। जब कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहा था, तब भीड़ अपने नेता के लिए जिंदाबाद के नारे लगा रही थी। ठीक उसी समय जोरदार धमाका हुआ और जिंदाबाद के नारे लगाने वाली भीड़ में से कई लोगोंकी मौत हो गई, नारों की जगह चीत्कार मच गई। धमाके के कारण अचानक धूल का गुबार उठा और जब धूल की धुंध छंटी, तो मौके पर बड़ी संख्या में लोगों के शव क्षत विक्षत अवस्था में पड़े हुए थे। कई लोग जान बचाकर बदहवास इधर उधर भागने लगे। ब्लास्ट में घायल लोगों को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकारियों का कहना है कि इस धमाके में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है।
JUI-F के प्रमुख नेता भी धमाके में मारे गए
JUI-F के प्रमुख नेता मौलाना जियाउल्लाह जान की भी धमाके में मौत की खबर है। अधिकारी ने बताया कि घायलों को पेशावर और टिमरगेरा के अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। घटना के बाद सुरक्षाकर्मियों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है। रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता बिलाल फैजी ने बताया कि 5 एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई हैं।
सरकार से बम धमाके की जांच की मांग
बम धमाके की जांच की सरकार से मांग की गई है। कहा गया है कि जेयूआई-एफ को इससे पहले भी निशाना बनाया गया है। JUI-F का कहना है कि उनके कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। हमने इस पर संसद में पहले भी आवाज उठाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और प्रांतीय सरकार से घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह किया। जमात-ए-इस्लामी के नेता ने बताई आतंकवाद की वापसी जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद ने भी विस्फोट की निंदा की और मौतों पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट किया कि केंद्र और प्रांतीय सरकारें, खुफिया एजेंसियां लोगों की सुरक्षा करने में पूरी तरह से विफल हैं। सरकार की सुरक्षा नीति फेल हो गई है।
क्या बोले पीएम शहबाज शरीफ?
घटना की निंदा करते हुए पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने ट्वीट संदेश में कहा कि 'जितना दोष दिया जाए उतना कम है। राजनीतिक दलों पर हमले से साफ है कि दुश्मन पाकिस्तान में लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है, जिसे हरगिज नहीं होने दिया जाएगा। जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें दंडित किया जाएगा। पाकिस्तानी राष्ट्र, कानून प्रवर्तन एजेंसियां और हमारे संरक्षक दुश्मन की ऐसी कायरतापूर्ण रणनीति को कभी सफल नहीं होने देंगे। इस घटना में शहीद हुए लोगों के परिवारों के दुःख में मेरे सहित पूरा देश बराबर का भागीदार है।' मौलाना फजलुर रहमान के साथ टेलीफोन पर बातचीत में मैंने न केवल उनसे शोक व्यक्त किया बल्कि घटना का विवरण भी पूछा। मैंने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और अजय से भी फोन पर बात की और घटना की रिपोर्ट के साथ-साथ घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाओं और हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाने का भी निर्देश दिया है।