ISI प्रमुख को लेकर आमने-सामने हुए थे मुशर्रफ और नवाज, PM इमरान खान को भी सता रहा है तख्तापलट का भय
अपनी रणनीति को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है। दक्षिण चीन सागर समेत कई मुद्दों पर चीन और अमेरिका आमने सामने हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति चार वर्ष में पहली बार आसियान (एसोसिएशन आफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। ब्रूनी स्थित अमेरिकी दूतावास की तरफ से रायटर्स को बताया गया है कि बाइडन आसियान देशों के वर्चुअल समिट में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करेंगे। ये सम्मेलन मंगलवार से शुरू हो रहा है। बता दें कि वर्ष 2017 में आखिरी बार तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मनीला में हुई आसियान बैठक में हिस्सा लिया था। इस बाइडन का शामिल होना निश्चिततौर पर चीन के बढ़ते खतरे को कम करना है।
व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन आसियान की केंद्रीय भूमिका और अधिक बढ़ाने और सदस्य देशों के अमेरिका से मजबूत संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका ने कोरोना महामारी के अलावा, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय चुनौतियों का मिलकर सामना किया है। ये सहयोग और प्रतिबद्धत्ता आगे भी जारी रहेगी।
इस बैठक के बाबत विश्लेषकों का कहना है कि बाइडन के संबोधन में संगठन के सदस्य देशों से सहयोग और चीन के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की झलक दिखाई देगी। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने खुलकर ये नहीं बताया है कि अमेरिका चीन को लेकर इस सम्मेलन में किन-किन बातों का जिक्र करने वाला है। अगले वर्ष चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच वर्चुअल समिट करना है।
आपको बता दें कि चीन के बढ़ते प्रभाव से अमेरिका भी काफी चिंतित है। डोनाल्ड ट्रंप के समय से ही चीन और अमेरिका के संबंधों में गिरावट आनी शुरू हो गई थी। इसमें अब तक कोई बदलाव नहीं आया है। अमेरिका और चीन के बीच लगातार तीखी बयानबाजी भी जारी है। अमेरिका भी लगातार चीन को घेरने के लिए अपनी रणनीति को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है। दक्षिण चीन सागर समेत कई मुद्दों पर चीन और अमेरिका आमने सामने हैं।