तेल अवीव। पाकिस्तान के मंसूबे एक बार फिर जाहिर हो गए हैं। पाकिस्तान के दो नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद साजिश का खुलासा हुआ है। इस मामले में मोसाद का कहना है कि ये पाकिस्तानी आतंकी, ईरान के साथ मिलकर ग्रीस में इजरायली नागरिकों पर हमले की तैयारी में जुटे थे। आतंकी राजधानी एथेंस में एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाना चाहते थे जिसे धार्मिक केंद्र के तौर पर भी जाना जाता है। इन दोनों नागरिकों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और अब इन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस पूरी साजिश की जांच दो बिंदुओं को आधार बनाकर की जा रही है। एथेंस में स्थित याफ्का अपार्टमेंट इस जांच का पहला बिंदु है। दोनों आतंकी इस रेस्टोरेंट में सबसे ज्यादा समय बिताते थे। इन आतंकियों के निशाने पर यहूदी रेस्टोरेंट साइरी भी था।
इस मामले में पुलिस ऑफिसर्स द्वारा कहा जा रहा है कि उसी अपार्टमेंट की फोटोग्राफ मिली है जहां पर दोनों अपने धर्म के लोगों से मिलते थे। इनका मकसद एक आतंकी संगठन की शुरुआत करना था। व्हाट्एसएप के जरिए इन्होंने कॉन्टैक्ट्स बनाए थे। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि इनमें से कितने पाकिस्तानी थे। याफ्का अपार्टमेंट वही जगह है जिसे एंटी-टेररिस्ट एजेंसी की तरफ से पहले भी सर्च किया जा चुका है। अभी तक 20 पाकिस्तानियों से इस सिलसिले में पूछताछ की जा चुकी है। इन सभी लोगों के गिरफ्तार किए गए युवाओं से संपर्क थे। ग्रीस की आतंकवाद-रोधी एजेंसी और इंटेलीजेंस एजेंसी ईवाईपी की तरफ से इन दोनों के कॉन्टैक्ट्स की जांच की जा रही है।
दोनों हमेशा वीआईपी यहूदियों का नाम लेकर उनकी हत्या के बारे में बात करते थे जिसका खुलासा दोनों पाकिस्तानियों के मोबाइल फोन की जांच करने पर हुआ। जांच एजेंसियों का मानना है कि आतंकवादियों की योजना शुरू में साइरी रेस्टोरेंट पर हमला करने और फिर वीआईपी लोगों पर भी हमला करने की थी। यह पूरी योजना दो पाकिस्तानियों के पड़ोसी की तरफ से तैयार की गई थी। यह व्यक्ति पहले ईरान में था और यहां से ही इन्हें निर्देश मिल रहे थे। इस ईरानी नागरिक ने ही गिरफ्तार किए गए दो लोगों को हथियारों के साथ हमला करने के लिए मजबूर किया था। रेस्टोरेंट में 50 से ज्यादा लोग आम दिनों में मौजूद रहते हैं। हमले में मारे गए हर इंसान के लिए उन्हें 15,000 यूरो मिलने थे। लेकिन इस साजिश को अंजाम देने में दोनों ही असफल हो गए।