150 से ज्यादा लोगों की मौत, सामने आई ये वजह, मचा हड़कंप
देशभर से विरोध के स्वर उठ रहे हैं.
नई दिल्ली: ईरान में पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद से देशभर से विरोध के स्वर उठ रहे हैं. हिजाब का विरोध कर रही महिलाओं ने सरकार को घुटनों पर ला दिया है. नॉर्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, सरकार विरोधी इन प्रदर्शनों में अब तक 185 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 19 बच्चे भी शामिल हैं. मृतकों की सबसे अधिक संख्या सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में है.
16 सितंबर को अमीनी की मौत के अगले दिन उनके जनाजे से शुरू हुआ सरकार विरोधी प्रदर्शन ईरान सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है. सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के सत्ता से हटने की मांग कर रहे हैं. वहीं, सरकार ने इन प्रदर्शनों को अमेरिका सहित ईरान के दुश्मनों की साजिश बताया है. सरकार का कहना है कि इन प्रदर्शनों में 20 सुरक्षाबलों की भी मौत हुई है.
सोशल मीडिया पर शेयर वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल और कॉलेजों की छात्राओं ने अब इन प्रदर्शनों की बागडोर संभाल ली हैं. आंसू गैस के गोलों के इस्तेमाल के बावजूद प्रदर्शनकारी मोर्चा संभाले हुए हैं. मानवाधिकार समूहों का कहना है कि कई इलाकों में सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों पर गोला बारूद का भी इस्तेमाल कर रही है. हालांकि, ईरान सरकार ने इससे इनकार किया है.
सोशल मीडिया पर ईरानी सुरक्षाबलों की ज्यादती के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें से एक वीडियो में देखा जा सकता है कि तेहरान में सुरक्षाबल एक हाईस्कूल के छात्रों पर बल का प्रयोग कर रहे हैं.
एक अन्य वीडियो में एक शख्स सुरक्षाबलों से गुहार लगा रहा है कि मेरी पत्नी को मत मारो, वह गर्भवती है. यह वीडियो राफसंजन शहर का बताया जा रहा है. यह गर्भवती महिला हिजाब विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए यहां पहुंची थी. महिला के साथ उसका पति भी था लेकिन अचानक सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बलप्रयोग करना शुरू कर दिया.
एक वीडियो में सुरक्षाबलों को प्रदर्शन कर रही स्कूली छात्राओं के पीछे दौड़ते देखा जा सकता है. यह वीडियो ईरान के बंडर अब्बास शहर का है. कई शहरों में कार्यकर्ताओ के आह्वान पर दुकानें बंद कर दी गईं. सरकार ने कई इलाकों में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इस बीच अर्द्ध सरकारी न्यूज एजेंसी तसमीन ने ईरान के डिप्टी गृह मंत्री के हवाले से बताया कि सरकार ने दंगाइयों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी है.
बता दें कि महसा अमीनी को ठीक तरह से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में 13 सितंबर को तेहरान से गिरफ्तार किया गया था. तीन दिन बाद तेहरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. आरोप है कि पुलिस हिरासत में अमीनी को बहुत प्रताड़ित किया गया था, जिससे वह कोमा में चली गई थी. लेकिन पुलिस इससे इनकार कर रही है. उनका कहना है कि अमीनी पहले से ही स्वास्थ्य दिक्कतों से जूझ रही थी, जिससे तबियत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई. अमीनी के पिता ने पुलिस को अपनी बेटी की मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
ईरान सरकार के खिलाफ शुरू हुआ यह प्रदर्शन सिर्फ वहीं तक सीमित नहीं है. इस प्रदर्शन का असर अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन सहित कई देशों में देखने को मिल रहा है. यूरोप और अरब जगत के कई देश ईरान के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं.
अमेरिका और कनाडा पहले ही ईरान सरकार पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. यूरोपीय संघ ईरान के अधिकारियों की यात्रा पर बैन लगाने और उनकी संपत्तियों को फ्रीज करने पर विचार कर रही है.
बता दें कि ईरान में इन प्रदर्शनों की वजह 22 साल की महसा अमिनी हैं. महसा अमिनी अब इस दुनिया में नहीं हैं. 16 सितंबर को उनकी मौत हो गई. महसा अमिनी को 13 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. आरोप था कि तेहरान में अमिनी ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है. अमिनी को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां तबीयत बिगड़ी तो अमिनी को अस्पताल ले जाया गया. तीन दिन बाद खबर आई कि अमिनी की मौत हो गई.