क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच

Update: 2022-08-11 16:39 GMT

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का फ्यूचर क्या होगा? ये सवाल पहले से खड़ा हुआ है. इस बीच देश में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की सुविधाएं देने वाली कंपनियों के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले WazirX नाम के एक्सचेंज की संपत्तियां जब्त की थीं और इसके कुछ ही दिन बाद आज यानी गुरुवार को Vauld के एसेट को भी जब्त कर लिया गया है.

मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच को अंजाम दे रही ईडी ने गुरुवार को Vauld की 370 करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्ति (एसेट) जब्त कर ली. इस बीच वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंज Binance ने सोमवार को ऐलान किया था कि वह WazirX के साथ अपने ऑफ-चेन फंड ट्रांसफर को बंद कर रही है. WazirX के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पहले से चल रही है. ईडी वजीरएक्स के अज्ञात वॉलेटस में 2,790 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टो एसेट बाहर भेजे जाने की जांच कर रही है.

क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच

इतना ही नहीं ईडी कई भारतीय गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) और उनके फिनटेक पार्टनर्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. ये जांच NBFCs की सहयोगी फिनटेक कंपनियों के खिलाफ RBI के लोन देने के दिशानिर्देशों के उल्लंघन और निजी डेटा के दुरुपयोग को लेकर की जा रही है. साथ ही लोन पर ज्यादा ब्याज वसूलने के लिए कर्जदारों के साथ अभद्र भाषा में बात करने और धमकाने की जांच भी जारी है.
जांच एजेंसी का कहना है कि कई फिनटेक कंपनियों में चीनी कंपनियों का निवेश है और वो आरबीआई से एनबीएफसी का लाइसेंस नहीं ले सकी. ऐसे में कर्ज का कारोबार करने के लिए उन्होंने MoU का रास्ता अपनाया और बंद हो चुकी एनबीएफसी कंपनियों के साथ करार किया, ताकि उनके लाइसेंस पर काम कर सकें.
फिनटेक कंपनियों ने की हेरा-फेरी
जब इस मामले में आपराधिक जांच शुरू हुई, तो इनमें से कई फिनटेक कंपनियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी और इससे कमाए गए भारी मुनाफे के पैसे की हेरा-फेरी की. जांच में ये भी पाया गया कि फिनटेक कंपनियों ने इस पैसे से बड़े स्तर पर क्रिप्टो करेंसी खरीदी और फिर इन पैसों को विदेश भेज दिया. ईडी का कहना है कि अभी इन कंपनियों और वर्चुअल एसेट का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है.
WazirX के दावों में आ रहा फर्क
जांच एजेंसी ने इस मामले में क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों को समन जारी किए हैं. ये देखा गया है कि सबसे ज्यादा पैसों का लेन-देन वजीरएक्स के साथ हुआ और खरीदे गए क्रिप्टो एसेट किसी अनाम विदेशी वॉलेट में डाइवर्ट कर दिए गए.
ईडी का कहना है कि वजीर क्रिप्टो एक्सचेंज ने अमेरिका, सिंगापुर की कई क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों के साथ वेब एग्रीमेंट किए. लेकिन अब वजीरएक्स के एमडी निश्चल शेटटी से मिली जानकारी और जैनमई के दावों में अंतर पाया गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए ईडी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए कंपनी के बैंक खातों को कुर्क कर दिया है.
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