भीड़ ने की राष्ट्रपति निवास पर धावा बोलने की कोशिश, गोलीबारी में 10 लोग घायल

श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सैकड़ों लोगों की भीड़ ने गुरुवार रात कोलंबो में राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के निवास में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें काबू में करने के लिए गोलियां चलाईं, जिसमें 10 लोग घायल हो गए।

Update: 2022-04-02 00:52 GMT

श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सैकड़ों लोगों की भीड़ ने गुरुवार रात कोलंबो में राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के निवास में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें काबू में करने के लिए गोलियां चलाईं, जिसमें 10 लोग घायल हो गए। बीती रात प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में पांच पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है। हिंसा के मामले में अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

राष्ट्रपति राजपक्षे ने जारी किया गजट

श्रीलंका के स्थानीय मीडिया के मुताबिक वरिष्ठ डीआईजी अजित रोहाना का कहना है कि पश्चिमी प्रांत में आज आधी रात से कल सुबह छह बजे तक पुलिस कर्फ्यू रहेगा। साथ ही श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल, 2022 से श्रीलंका में सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा करने वाला एक गजट जारी किया है।

बेकाबू महंगाई व आवश्यक वस्तुओं की किल्लत के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। बेकाबू महंगाई व किल्लत से निपटने के प्रति श्रीलंका सरकार के रवैये को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। देश में आजादी के बाद के सबसे खराब हालात बताए जा रहे हैं। कोलंबो में गुरुवार रात हालात बिगड़ने के बाद कर्फ्यू लगाया गया था, हालांकि शुक्रवार सुबह से इसे हटा दिया गया। राष्ट्रपति निवास के आसपास के इलाकों में आगजनी के बाद वाहन का मलबा पड़ा नजर आया। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने पहले आंसू गैस छोड़ी और पानी की बौछारें कीं। प्रदर्शन के वक्त राजपक्षे अपने आवास पर नहीं थे। नारेबाजी करती भीड़ ने राजपक्षे से सत्ता छोड़ने की मांग की। देश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

श्रीलंकाई राष्ट्रपति आवास के बाहर प्रदर्शन आतंकी गतिविधि: सरकार

श्रीलंका की सरकार ने राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के आवास के बाहर हिंसक प्रदर्शन को आतंकवादी गतिविधि करार दिया। हालांकि प्रदर्शन के बाद कोलंबो में जगह-जगह रात भर लगा रहा कर्फ्यू शुक्रवार सुबह हटा लिया गया। श्रीलंका की बदहाल आर्थिक स्थिति के कारण लोगों ने राष्ट्रपति का विरोध शुरू किया है। श्रीलंका सरकार ने इस प्रदर्शन के लिए विपक्ष से जुड़े चरमपंथी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया। गिरफ्तार किए गए लोगों में कई चरमपंथी शामिल हैं।

डीजल की किल्लत से बसें व वाहन बंद

श्रीलंका में ईंधन की भारी किल्लत हो गई है। पेट्रोल पंपों पर डीजल नहीं मिलने के कारण सार्वजनिक बसों व अन्य वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। देश के दो तिहाई बसों व वाहनों का संचालन निजी क्षेत्र द्वारा किया जाता है। इनके संचालकों का कहना है कि आज से तो छुटपुट बसें भी नहीं चल सकेंगी।

12 घंटे बिजली कटौती

श्रीलंका की सरकारी बिजली कंपनी ने जनरेटरों के लिए बिजली नहीं मिलने से 12 घंटे की कटौती शुरू कर दी है। यह देश के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी कटौती है। 20 विद्युत जोनों में 4 घंटे बारी-बारी से और कुल 12 घंटे कटौती का एलान किया गया है।

पेट्रोल से महंगी शकर और दूध

श्रीलंका में महंगाई व आवश्यक वस्तुओं की किल्लत के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। एक लीटर पेट्रोल की कीमत 254 रुपये है, जबकि एक लीटर दूध 263 रुपये में बिक रहा है। लोगों को एक ब्रेड का पैकेट भी 0.75 डॉलर (150) रुपये में खरीदना पड़ रहा है। यहीं नहीं एक किलोग्राम चावल और शकर की कीमत 290 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।

खाने-पीने को मोहताज देशवासी

चीन सहित कई देशों के कर्ज तले दबे श्रीलंका का जनवरी में विदशी मुद्रा भंडार 70 फीसदी से ज्यादा घटकर 2.36 अरब डॉलर रह गया था, जिसमें लगातार गिरावट आती जा रही है। विदेशी मुद्रा की कमी के चलते ही देश में ज्यादातर जरूरी सामानों दवा, पेट्रोल-डीजल का विदेशों से आयात नहीं हो पा रहा है।


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