इस गुफा में छिपा है लाखों साल पुराना खजाना, लेकिन इस बात से जानें से डरते हैं लोग
लाखों साल पुराना खजाना
दुनिया में कुछ ऐसी अजीबोगरीब चीजें या घटनाएं होती हैं, जो लोगों के बीच हमेशा के लिए चर्चा का विषय बन जाती हैं।वहीं दुनिया में कई ऐसी जगहें भी हैं जहां कुछ अनोखे तो कुछ विचित्र रहस्य छुपे हुए हैं, लेकिन इन रहस्यों के बारे में जान पाना हर किसी के लिए आसान काम नहीं होता है। ऐसी ही एक जगह मेक्सिको में है, जहां एक अनोखा राज छुपा हुआ है। इस जगह पर विशाल आकार के कई क्रिस्टल मौजूद हैं। ये क्रिस्टल किसी खजाने से कम नहीं हैं, लेकिन कहा जाता है कि इस जगह पर जाना मौत के मुंह में जाने जैसा ही होता है।
मेक्सिको में ये रहस्यमयी जगह एक गुफा है। इस गुफा का नाम जायंट क्रिस्टल केव है।यहां एक पहाड़ के करीब 984 फीट नीचे गुफा में क्रिस्टल के विशाल पिलर यानी खंबे के मौजूद हैं, जो बेहद कीमती हैं।आइये जानते हैं इस जगह के बारे में कुछ हैरान कर देने वाली बातें...
साल 2000 में इनके बारे में जब वैज्ञानिकों को पता चला तो वो हैरान रह गए, क्योंकि खुदाई के दौरान पहाड़ के इतनी नीचे ये अद्भुत नजारा देखने को मिला था।वैज्ञानिकों के मुताबिक ये क्रिस्टल जिप्सम से बने हुए हैं जो एक प्रकार का खनिज होता है। इसे पेपर और टेक्सटाइल इंडस्ट्री में फिलर की तरह इस्तेमाल करते हैं। साथ ही इमारतें बनाने के लिए सीमेंट में भी इस्तेमाल किया जाता है।
इस गुफा में मौजूद क्रिस्टल से बने ये खंबे 5 लाख साल से भी ज्यादा पुराने हैं।साइंस की एक वेबसाइट के मुताबिक इस जगह पर अब जाना नामुमकिन है, क्योंकि यहां का तापमान बहुत अधिक है। एक समय जब ये जगह इंसानों के जाने के लिए खुली थी तब उस दौरान कई मौतें भी हुई थीं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन क्रिस्टल के नीचे बहुत गरम मैगमा पाया जाता था और करीब 2 करोड़ से भी ज्यादा साल पहले ये मैगमा दरारों से धीरे-धीरे बाहर आना शुरू हो गया था। इस मैगमा के बाहर आने से ही पहाड़ का निर्माण हुआ है। इसी मैगमा के जरिए क्रिस्टल भी बनते गए।
वैज्ञानिकों का मानना है कि जब मैगमा बाहर निकला तो गुफा में पानी भी मौजूद था। इस पानी में एनहाईड्राइट खनिज था। वहीं गुफा का तापमान 58 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा था। इतने तापमान में एनहाईड्राइट अपने असली रूप में रहता है, लेकिन जैसे ही तापमान 58 से कम हुआ होगा, इसने क्रिस्टल का आकार लेना शुरू कर दिया होगा। एक तो तापमान इतना ज्यादा और दूसरा हवा में नमी 100 फीसदी बनी रहती है, जिसके कारण लोग डिहाईड्रेशन से मर जाते हैं।